अनदेखी : ओवरब्रिज का मेंटेनेंस नहीं, रैलिंग जर्जर, गिर रहे खंभे

इटारसी। नेशनल हाईवे पर स्थित ओवरब्रिज पर उचित रख रखाव नहीं होने से बिजली के खंभे गिर रहे हैं। हवा-पानी के मौसम में अब तक यहां के पांच खंभे गिर चुके हैं। दरअसल, रैलिंग में जिन स्थानों पर ये खंभे लगे हैं, वहां की सीमेंट जर्जर होकर निकल चुकी है और आधार कमजोर होने से खंभे गिर रहे हैं। इन हालातों में ओवर ब्रिज का मेंटेनेंस बहुत जरूरी है।
ओवरब्रिज को रोशन करने वाले बिजली के खंभे गिर रहे हैं। हाल ही में चली तेज हवा और पानी से फिर एक खंभा गिरा था तो अब तक इन हालातों में पांच खंभे गिर चुके हैं। दरअसल, जहां यह खंभे लगाये गए हैं उसका आधार कमजोर हो गया है। धूप और पानी की मार के बाद उचित रख रखाव नहीं होने खंभे के आधार की सीमेंट गिर गयी है और यह स्थान कमजोर होने से खंभे भी गिर रहे हैं। अब भी और कई खंभों की स्थिति ऐसी है कि यदि जल्द ही मेंटेनेंस नहीं किया तो ये कभी भी गिर सकते हैं। इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य 1988 में प्रारंभ हुआ था और करीब डेढ़ दशक में यह बनकर तैयार हुआ। इसके बाद से इसका बड़े पैमाने पर जो मेंटेनेंस होना था वह अब तक नहीं हुआ। कहीं, रैलिंग आदि टूटने पर आंशिक सुधार कार्य होते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में भी कई जगह से रैलिंग टूटी है, खंभे गिर रहे हैं, लेकिन विभाग ने इसकी अनदेखी कर रखी है।

ओवरब्रिज की दो दशक की उम्र में ही हालत खराब हो गयी है और वृहद स्तर पर मरम्मत की दरकार है। अंग्रेजी के टी-आकार के इस ओवरब्रिज में जल्द ही मेंटेनेंस नहीं हुआ तो कई जगह से रैलिंग टूटकर गिरती जाएगी। वर्तमान में रैलिंग जर्जर होकर टूटकर गिर रही है। इस जर्जर रैलिंग में ही बिजली के पोल छोटे-छोटे पिलरों के सहारे लगाये गये हैं। ये पिलर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिसमें से खंभे निकलकर गिर रहे हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व भी तेज हवा में एक खंभा टूटकर गिरा है, जो यहीं पड़ा है। अब तक यहां पांच खंभे टूटकर गिर चुके हैं। कई जगह तो जिन पिलर पर पोल लगा है, उसका बड़ा हिस्सा जर्जर हो कर गिर गया है और उसमें लगे पोल कब गिर जाएं, कहा नहीं जा सकता है। रैलिंग और पिलर के बीच दो-दो फट के गेप हो गये हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकते हैं।
ओवरब्रिज पर हालात यह है कि यहां से निकलने वाले पैदल यात्रियों को भी किसी प्रकार की दुर्घटना से बचना है तो संभलकर ही चलना होगा। बता दें कि ओवरब्रिज पर बड़ी संख्या में सुबह और शाम को लोग सैर करने आते हैं। शाम को यहां सुकून की तलाश में लोग आते हैं और रैलिंग से टिककर भी खड़े होते हैं। यदि यहां संभलकर नहीं चले और रैलिंग के पास सावधानी नहीं बरती तो बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इनका कहना है…!
दरअसल, हम तो यहां लाइट का मेंटेनेंस कार्य करते हैं। रैलिंग और पिलर का काम तो एमपी आरडीसी को करना चाहिए। बावजूद इसके शहर के लोग किसी हादसे का शिकार न हो, हम वहां का सर्वे कराके संबंधित विभाग से भी पत्राचार करेंगे और कुछ मेंटेनेंस हम भी कराएंगे।
हरिओम वर्मा, सीएमओ

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