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आपकी सरकार, आपके द्वार : सरकार की मंशा पर लग रहा पलीता

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प्रचार के अभाव में फ्लाप शो साबित हो रहे शिविर
इटारसी। सरकार तो नागरिकों के द्वार पहुंच रही है। लेकिन, नागरिक सरकार के कामकाज से इतने संतुष्ट हैं कि वे इन शिविरों में समस्याएं लेकर ही नहीं पहुंच रहे हैं। इसे हास्य में ले लें या फिर सरकारी कामकाज पर से जनता का उठता भरोसा मान लें। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन से आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत नगर पालिका के माध्यम से लग रहे शिविरों के हाल यह है कि पांच शिविर में औसत तेरह आवेदन भी एक शिविर के खाते में नहीं है। अब तक हुए कुल पांच शिविर में 64 आवेदन ही नगर पालिका के पास पहुंचे हैं।
नगर पालिका के माध्यम से आपकी सरकार, आपके द्वार पहुंच रही है। इन शिविरों में नागरिक अपनी समस्याएं लेकर जितनी संख्या में पहुंच रहे हैं, उससे सरकार का उ्देश्य ही पूरा नहीं हो रहा है। शिविर स्थल पर बैठने वाले कर्मचारी मान रहे हैं कि लोग सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। जबकि वार्ड के लोगों का कहना है कि बिना जानकारी के शिविर लगेगा तो यही हाल होंगे। हालांकि नगर पालिका के अधिकार इस मत से सहमत नहीं हैं। वे कहते हैं कि शिविर से पहले मुनादी करायी जाती है। हालांकि यह बात सौ फीसद सच नहीं है।

सवाल उठे तो हो गयी मुनादी
नगर पालिका ने वार्ड 10-11 में गुरुवार को बाल्मिकी तिराहे पर एक शिविर लगाया। सुबह से दोपहर तक वार्डवासियों को जानकारी ही नहीं थी। उपस्थित कर्मचारियों से पूछा कि क्या मुनादी हुई कि यहां शिविर लग रहा है, उनके पास कोई जवाब नहीं था। बात जब आला अधिकारियों तक पहुंची और वार्ड के पूर्व पार्षद रजनीकांत सोनकर ने भी कहा कि उनको भी जानकारी नहीं है कि शिविर लगेगा, मुनादी भी नहीं हुई तो आनन-फानन में वार्ड में दोपहर के वक्त मुनादी करायी। बावजूद इसके सुबह 11 से शाम 5 बजे तक महज 15 आवेदन ही इस शिविर में आए। वार्ड के लोगों को पता ही नहीं था कि जो लोग टेंट में बैठे हैं, वे क्यों बैठे हैं? शाम तक मिले पांच आवेदन में से तीन तो पूर्व पार्षद रजनीकांत सोनकर ने ही दिये हैं। आधा दर्जन कर्मचारी आफिस के सारे कामकाज छोड़कर छह घंटे बैठे रहे, और आवेदन मिले महज पंद्रह।

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सत्कार किया, लेकिन नाराज रहे
शिविर में अपने वार्ड की समस्याओं और कुछ मांगों को लेकर पूर्व पार्षद रजनीकांत सोनकर भी तीन आवेदन के साथ पहुंचे। उन्होंने शिविर में मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों को आवेदन सौंपे। पूछने पर कहा कि उनको शिविर लगाने की पूर्व से कोई जानकारी नहीं है। शिविर लगने के बाद ही जानकारी मिली है। नगर पालिका को जिस वार्ड में शिविर लगाना है, वहां के प्रतिनिधि को तो विश्वास में लेना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को शिविर की जानकारी दी जा सके। उन्होंने अपने वार्ड में आए अधिकारी-कर्मचारियों का सत्कार तो किया। लेकिन, खुद शिविर में नहीं रुके। जाते-जाते कह गये कि आला अधिकारियों तक संदेश भेज दें कि वे इस तरह की कार्यप्रणाली से सख्त एतराज जताते हैं। श्री सोनकर की पत्नी श्रीमती अनिता सोनकर इस वार्ड की पार्षद हैं। श्री सोनकर शिविर स्थल पर महज दस मिनट ही रुके।

वार्डवार प्राप्त आवेदन
वार्ड 1/2 – 12 आवेदन
वार्ड 3/4/5 – 18 आवेदन
वार्ड 6/7 – 10 आवेदन
वार्ड 8/9 – 9 आवेदन
वार्ड 10/11-15 आवेदन

कुल शिकायत – 64
साफ सफाई,
निर्माण संबंधी,
प्रधानमंत्री आवास,
मृत्यु सहायता,
जल की बर्बादी संबंधी।

पार्षद की ये हैं मांगें
सीएमओ के नाम दिये आवेदन में पार्षद अनिता रजनीकांत सोनकर ने बताया कि वार्ड 12 में सीमेंट रोड, नाली निर्माण एवं पार्क का एस्टीमेट बनाने के लिए उपयंत्री संतोष सिंह बैस को आवेदन दिया था। लेकिन, तीनों ही काम पर सब इंजीनियर ने कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ायी। उन्होंने सब इंजीनियर संतोष सिंह बैस पर कार्यवाही करने की मांग की। एक अन्य आवेदन में वार्ड के झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र में सोडियम लैंप लगाने की मांग करके बताया है कि वहां करीब 18 खंभे लगे हैं। सभी में कोई लैंप नहीं है। इस क्षेत्र में अंधेरा रहता है, असामाजिक तत्व सक्रिय रहते हैं। यहां लाइट लगाने की आवश्यकता है। तीसरे आवेदन में बताया है कि वार्ड 12 में सीमेंट कांक्रीट नाली का काम चल रहा था लेकिन ठेकेदार नवीन चौहान ने काम बीच में बंद कर दिया है। यहां कच्ची नाली खोदी थी जो वैसी ही पड़ी है, जिसमें बच्चे गिर रहे हंै और नागरिकों को काफी असुविधा हो रही है। पार्षद ने नाली के बंद काम को पुन: प्रारंभ करने की मांग की है।

इनका कहना है…!
हम वार्ड में शिविर लगाने से पहले मुनादी करा रहे हैं। आप कह रहे हैं कि मुनादी नहीं हो रही है तो हम इसके विषय में पता कराते हैं। जहां तक कम संख्या आने की बात है तो नागरिकों को जागरुक होकर अपने क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी शिविर में आकर देना चाहिए। हमारे कर्मचारी और अधिकारी शिविर में समस्याएं सुनने के लिए ही जाते हैं।
बीएल सिंघावने, राजस्व निरीक्षक

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