आयुष्मान भारत योजना : 15 अगस्त से होगी लांच

Post by: Manju Thakur

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन की आयुष्मान भारत योजना 15 अगस्त 2018 से लागू की जाएगी। योजना में सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना (एसईसीसी) के आधार पर वंचित श्रेणी के 84 लाख परिवारों को शामिल किया गया है। इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र के मजूदर के परिवारों और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के पात्रता पर्ची वाले सभी परिवारों को भी दिया जाएगा। योजना में शामिल परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया जाएगा।
योजना का लाभ शासकीय और निजी चिकित्सालयों के माध्यम से कैशलेस रूप में दिया जाएगा। इससे शासकीय अस्पतालों को उन्नत किया जा सकेगा और निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की उपलब्धता ही बढेगी। योजना के लागू होने पर प्रदेश के नागरिकों पर उपचार के आउट ऑफ पॉकेट खर्च में भी कमी आएगी। प्रदेश में असंगठित श्रेणी के मजदूरों के लगभग 20 लाख परिवार हैं। पात्रता पर्ची वाले ऐसे परिवार जो एसईसीसी के आधार पर वंचित श्रेणी में शामिल नहीं है, उनकी संख्या लगभग 34 लाख है। इस प्रकार 1 करोड 37 लाख परिवारों के लगभग साढे 5 करोड से अधिक सदस्यों को इस योजना में स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध होगा। प्रति परिवार 1200 रुपये की दर से कुल 1 हजार 648 करोड रुपये के व्यय का अनुमान है। एसईसीसी के 84 लाख परिवारों के लिये 600 करोड रुपये की ग्रांट-इन-एड भारत सरकार के केन्द्रांश के रूप में प्राप्त होगी और 400 करोड राज्यांश देना होगा। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के परिवारों और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में पात्रता पर्ची वाले परिवारों को योजना का लाभ देने पर लगभग 648 करोड का अतिरिक्त व्यय होगा, जो राज्य शासन वहन करेगा। योजना के क्रियान्वयन के संबंध में नेशनल हेल्थ एजेंसी भारत सरकार के साथ एक एमओयू संपादित किया गया है। प्रदेश में तेलंगाना और कर्नाटक राज्य के समान इस योजना को राज्य स्तर पर एक ट्रस्ट/सोसायटी का गठन कर संचालित किया जाएगा। सोसायटी गठन के लिये रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी को ऑनलाईन आवेदन कर दिया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में सहयोग के लिये सेवा प्रदाता एजेन्सी की सेवाएँ खुली निविदा के माध्यम से ली जायेगी। भारत सरकार द्वारा 1350 चिकित्सा प्रोसिजर्स के पैकेज उपलब्ध करवाए गए है। इन प्रोसिजर्स को 4 श्रेणी- सेकेण्डरी प्रोसिजर्स, सेकेण्डरी कॉम्पलेक्स, टर्सरी प्रोसिजर्स और सुपर स्पेशियलिटी में विभाजित किया गया है। सेकेण्डरी प्रोसिजर्स जिला अस्पताल के स्तर के लिये तथा सेकेण्डरी कॉम्पलेक्स प्रोसिजर्स चिकित्सा महाविद्यालयों के लिये आरक्षित रहेगी। निजी अस्पतालों को योजना में इम्पैनल करने के लिये मापदण्ड निर्धारण की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में राज्य बीमारी सहायता योजना में मान्य अस्पतालों को इस योजना में मान्यता दी जाएगी।
भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप एसईसीसी के वंचित श्रेणी परिवारों की सूचियों का सत्यापन कार्य भी स्वास्थ्य विभाग में पूरा करा लिया है। सर्वे के दौरान परिवारों के संबंध में मोबाईल और राशन कार्ड नंबर (समग्र परिवार आईडी) की जानकारी तथा परिवार के नये सदस्यों के नाम एकत्रित किये गए हैं। इसकी डाटा एंट्री का कार्य विकासखण्ड स्तर पर किया जा रहा है।

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