कर्मचारियों की सजगता से बची गाय की जान
इटारसी। जाको राखे साईंयां मार सके न कोय। यानी जिसका रखवाला ऊपर वाला होता है, उसे कोई नहीं मार सकता। यह कहावत एक गौवंश के संदर्भ में सच साबित हुई है। सरकारी अस्पताल के सेप्टिक टैंक चैंबर में गिरी एक गाय को 18 घंटे बाद जीवित निकाला गया। गाय पूरी तरह से सेप्टिक टैंक में डूबी थी और उसका केवल मुंह ही बाहर था, जिससे वह सांस ले पा रही थी। रविवार को सुबह अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे चेंबर से बाहर निकाला।
शहर के सरकारी अस्पताल में मरीज वार्ड के पीछे बने सेप्टिक टैंक के खुले हुए चैंबर दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। शनिवार को इनमें से एक चैंबर में एक काले रंग की गाय गिर गयी जो अस्पताल के कर्मचारियों को रविवार को सुबह दिखाई दी। बताते हैं कि ये चैंबर कई दिनों से खुले हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इनको बंद करने की सुध नहीं है। अस्पताल प्रबंधन की इसी लापरवाही के वजह से एक गाय की जान पर बन आयी थी। हालांकि अस्पताल के कर्मचारी ही इस गाय के लिए देवदूत बनकर आए। गाय की जान बचाने वाले इन स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि गाय का केवल मुंह बाहर निकला था जिससे सांस लेती रही और जीवित बच सकी। बता दें कि इससे पहले भी इन चैंबर्स में मवेशी गिर चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके शिवानी बताते हैं कि पशु पालकों को भी इस ओर ध्यान देकर अपने पशुओं को खुला नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर पालिका को भी इनको कांजी हाउस में ले जाना चाहिए क्योंकि अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में मवेशी आते हैं। डॉ. शिवानी ने कहा कि यहां की सुरक्षा के लिए वे कुछ समय बाद तार की फैंसिंग करके इसे सुरक्षित कर देंगे। बाद में इन चैंबर्स को भी बंद कराया जाएगा।