
कलयुग में मनुष्य पुण्य कर्म से दूर होंगे – दुबे
इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर (Shri Durga Navgrah Mandir) में सावनमास में चल रहे शिव पूजन एवं अभिषेक के दौरान मुख्य आचार्य विनोद दुबे, आचार्य सत्येंद्र पांडे, आचार्य पीयूष पांडे ने पूजन एवं अभिषेक संपन्न कराया।इस दौरान अपने प्रवचनों में पं.विनोद दुबे ने कहा कि भगवान गणेश बुद्धि के दाता है, मां दुर्गा शक्ति के रूप में पूजी जाती है, मां लक्ष्मी धनधान से पूर्ण करती है एवं मां अन्नपूर्णा सभी को भोजन देती है। उन्होंने कहा कि एक बार गंगा यमुना के संगम प्रयागराज में महातेजस्वी, महाभाग महात्मा मुनियों ने विशाल यज्ञ किया। जब व्याज जी के शिष्य सूत जी महाराज को यह पता चला कि ऋषि मुनियों द्वारा प्रयाग में यज्ञ किया जा रहा है, तो स्वयं सूत जी महाराज प्रयाग पहुंचे। ऋषि मुनियों ने सूतजी महाराज के समक्ष जिज्ञासा प्रकट की थी। आप शुभाशुभ तत्व का वर्णन करें जिसमें हमारी तृप्ति नहीं होती और उसे हमारे सुनने की इच्छा बनी रहती है। तब सूतजी महाराज ने कहा था कि घोर कलयुग आने पर मनुष्य दुराचार में फंसेंगे, दूसरों की बुराई करेंगे, पराई स्त्रियों के प्रति आकृष्ट होंगे, हिंसा करेंगे, मूर्ख नास्तिक और पशु बुद्धि हो जाएंगे।कलयुग में वेद प्रतिवादित वर्ण आश्रम व्यवस्था नष्ट हो जाएगी, प्रत्येक वर्ण और आश्रम में रहने वाले अपने-अपने धर्मो के आचरण का परित्याग कर विपरीत आचरण करने में सुख प्राप्त करेंगे। इस सामाजिक वर्ण संकरता से लोगों का पतन होगा। परिवार टूटेंगे और समाज बिखर जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं से जगह-जगह लोगों की मृत्यु होगी, धन का छय होगा स्वार्थ और लोभ की प्रवृत्ति बढ़ जाएगी ब्राम्हण लोभी हो जाएगा, वेद को बेचकर धन प्राप्त करेंगे मोहित होकर दूसरों को ठगेंगे, पूजा पाठ नहीं करेंगे और ब्रम्ह ज्ञान से शून्य हो जाएंगे। अंत में सूतजी महाराज ने ऋषि मुनियों से कहा कि इन सभी दुर्गति से मुक्ति पाने का उपाय है, परोपकार करो क्योंकि परोपकार से ही भावना निष्काम होगी तो उससे परम गति प्राप्त होगी और सभी पापों का नाश हो जाएगा।