इटारसी। केन्द्र सरकार के आर्डनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण के फैसले के खिलाफ मंगलवार का देश की सभी आयुध निर्मार्णियों के साथ ही इटारसी में भी एक माह की हड़ताल प्रारंभ की गई। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि हड़ताल के दौरान महज 17 फीसदी कर्मचारी ही फैक्ट्री के भीतर काम करने गये और ये वे कर्मचारी थे जो अतिआवश्यक सेवाओं में कार्यरत हैं।
आर्डनेंस फैक्ट्री में कार्यरत तीन श्रमिक संगठन बीपीएमएस, आईएनडीडब्ल्यूएफ और एआईडीईएफ महासंघ के संयुक्त आह्वान पर सुबह से ही कर्मचारी आयुध निर्माणी के गेट पर ड्यूटी शुरु होने से पहले पहुंच गये थे। आंदोलन के दौरान कोई अप्रिय स्थिति न बने, इसके लिए एसडीओपी उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में पुलिस बल भी फैक्ट्री के गेट पर पहुंच गया था। हालांकि कर्मचारी संगठनों का यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। कर्मचारी नेता मुरारीलाल यादव, अतुल भदौरिया, अमित चौहान, भागीरथ प्रसाद सहित अनेक नेताओं के नेतृत्व में सुबह से संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने आयुध निर्माणी गेट पर मोर्चा संभाला हुआ है तथा कर्मचारियों से हड़ताल पर रहने का निवेदन किया जिस पर अधिकांश कर्मचारियों ने हड़ताल में सहयोग किया है। हड़ताल के दौरान सुरक्षा व्यवस्थ के लिए मौके पर प्रशासन की ओर से एसडीएम हरेन्द्र नारायण, एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय, एसडीओपी उमेश द्विवेदी, तहसीलदार सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
सुबह से ही शुरु की नारेबाजी
सुबह करीब 7 बजे राष्ट्रव्यापी हड़ताल के अंतर्गत पहुंचकर कर्मचारी नेताओं ने गेट पर जमकर नारेबाजी की और इस दौरान ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का निवेदन किया। निर्माणी हमारी आपकी है, नहीं किसी के बाप की है। केन्द्र सरकार होश में आओ, होश में आकर बात करो। कार्पोरेशन का फैसला वापस लो। इस तरह के कई नारे लगाते हुए आयुध निर्माणी की तीन कर्मचारी संगठनों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने आज से एक माह की हड़ताल प्रारंभ कर दी है। दरअसल ये कर्मचारी केन्द्र सरकार द्वारा आर्डनेंस फैक्ट्री के निगमीकरण के विरोध में हल्ला बोल रहे हैं। हर रोज की तरह सुबह आर्डनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी गेट पर पहुंचे थे। आज वे ड्यूटी पर नहीं बल्कि हड़ताल के दौरान हल्ला बोलने गेट पर पहुंचे थे। सुरक्षा के माकूब बंदोवस्त के बीच कर्मचारियों ने भी जोरदार नारेबाजी से वातावरण गुंजायमान कर दिया था।
सुरक्षा के लिए लगी पुलिस
आर्डनेंस फैक्ट्री के गेट पर एक सैंकड़ा से अधिक पुलिस कर्मियों की पूरे जिले से बुलाकर ड्यूटी लगायी गई है। यहां कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की और सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया। कर्मचारी नेता कुलदीप चौधरी का कहना है कि कर्मचारी संगठनों का राष्ट्रीय नेतृत्व और सरकार के बीच बातचीत चल रही है, यदि कोई समझौता होता है, सरकार मांगें मानती है या फिर लिखित आश्वासन भी देती है तो राष्ट्रीय नेतृत्व जो निर्णय करेगा, उसके अनुसार हड़ताल जारी रहने या स्थगित करने का निर्णय होगा। उल्लेखनीय है कि बीपीएमएस, आईएनडीडब्ल्यूएफ और एआईडीईएफ महासंघ के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार से 1 महीने की हड़ताल की शुरूआत हो चुकी है। इसे अब तक सबसे बड़ी हड़ताल बताया जा रहा है। आज मंगलवार को सुबह निर्माणी इटारसी में कार्यरत कर्मचारी गेट पर पहुंचे थे।
अधिकांश कर्मचारी हड़ताल पर
यहां लगभग 2200 कर्मचारी कार्यरत हैं। ग्रुप ए तथा कुछ ग्रुप बी के अधिकारियों को छोड़कर अधिकांश कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे तथा गेट पर नारेबाजी कर रहे थे। बीएमएस से अमित बाजपेयी, एम्पलाइज यूनियन से अनिल पटेल और इंटक के रूपेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि संयुक्त मोर्चा के कर्मचारी एक हैं और हड़ताल को समर्थन मिला रहा है। सभी 41 आयुध निर्मार्णियों सहित प्रदेश की 5 आयुध निर्माणी जिसमें जबलपुर की 4 कटनी की 1 तथा इटारसी की 1 में स्ट्राइक सफल हुई है। कर्मचारी संगठनों के अनुसार हड़ताल के पहले दिन इटारसी में करीब 17 फीसद कर्मचारी काम पर हाजिर हुए थे, इनमें केवल अति आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी शामिल हैं, जिनको हड़ताली संगठनों ने काम पर जाने से नहीं रोका। इनमें सुरक्षा दस्ता, फायर विभाग, पेयजल, मेडिकल सहित ऐसे ही जरूरी सेवाओं के कर्मचारी ड्यूटी पर थे।