होशंगाबाद। जिला पुलिस ने तीन दिन पूर्व ग्राम खेड़ला में हई मां-बेटे की हत्या का पर्दाफाश कर दिया है। गांव की महिला मोनिका की गला दबाकर हत्या उसके सगे देवर ने ही की थी। 13 साल के बेटे तरुण ने चाचा को मां की हत्या करते देख लिया था, इस कारण उसे भी मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने हत्या के बाद फरार हुए देवर भूरेलाल को गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपना जुर्म कबूल लिया है। वह वारदात के बाद से गायब था।
मंगलवार को खेड़ला गांव में 31 वर्ष की मोनिका और उसके बेटे तेरह वर्षीय तरुण की संदिग्ध हालत में लाश मिली थी। परिजन उन्हें एक निजी अस्पताल लेकर आए, वहां से उन्हें सरकारी अस्पताल रैफर कर दिया था। लेकिन वे शव लेकर गांव लौट गए और अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। तभी पुलिस गांव पहुंच गई और पंचनामा बनाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए। पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि दोनों की गला दबाकर हत्या की गई है। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि देवर ने ही हत्या की है। पुलिस ने आरोपी देवर को गिरफ्तार कर लिया गया। महिला और उसके पुत्र की हत्या के बाद देवर भूरेलाल गायब था। वह अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ। इस पर पुलिस को संदेह हुआ। बाद में पता चला कि वह पत्नी और बच्चों को गांव में छोड़कर भागने की फिराक में है। पुलिस ने उसे बस स्टैंड से दबोच लिया। एसपी एमएल छारी ने बताया कि आरोपी ने पहले भाभी को अकेला पाकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसी बीच 13 साल का भतीजा आ गया। उसने चाचा को मां की हत्या करते देख लिया। इस कारण भूरेलाल ने साक्ष्य मिटाने के लिए भतीजे को भी मार दिया।
आरोपी ने हत्या के बाद भाभी और भतीजे का शव पेटी और पलंग के नीचे छिपा दिए थे। बाद में मृतका की बेटी खेलने के बाद घर लौटी तो उसने नजारा देखकर पिता इंदल सिंह को फोन कर खेत से बुलाया। वह उन्हें अस्पताल लेकर गए लेकिन डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आरोपी का भाभी से आए दिन संपत्ति बंटवारे के साथ घर व जमीन से निकलने वाले रास्ते और शौचालय व बाथरूम के उपयोग को लेकर विवाद होता था। इसी कारण उसने अपनी भाभी की हत्या की और भतीजे ने यह सब देख लिया तो उसे भी मार दिया।
खेड़ला गांव के अंधे कत्ल का पुलिस ने किया पर्दाफाश
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