गोवर्धन महोत्सव : गौ सेवा से होती है गोविन्द की प्राप्ति
इटारसी। श्री सूर्य देव और गौमाता ही परमपिता परमात्मा का साक्षात स्वरूप है। श्रद्धापूर्वक गौसेवा करने से शरीर स्वस्थ रहता है और आत्मा को परमात्मा की प्राप्ति होती है। गाय में ही गोविंद समाहित हैं। उक्त उद्गार पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने व्यक्त किये।
गोकुल नगर खेड़ा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा समारोह में उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं के माध्यम से श्रीकृष्ण के गौचारण प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जिस घर में गौसेवा होती है, वहां हमेशा पवित्रता बनी रहती है। जहां शुद्धता और पवित्रता हो वहां परमात्मा का वास लक्ष्मी के संग होता है। वर्तमान समय में गौवंश की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए संत भक्त श्री तिवारी ने कहा कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत वर्ष में प्रतिदिन एक लाख गाय व गौवंश बूचडख़ाने में काट दिये जाते हैं। क्योंकि हम सबकी गाय के प्रति श्रद्धा कम होती जा रही है।
श्री तिवारी ने गेहूं की नरवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि गेहूं की फसल का ऊपर का जो भाग होता है, वह हमारा है जिसे हम सुरक्षित निकाल लेते हैं और जो नीचे का हिस्सा गौचारण का होता है उसमें आग लगा देते हैं। जिसके चलते गौश्राप हमें लगता है और उसका दंड भी भुगतना पड़ता है। पांचवे दिवस में कथा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण के गावर्धन स्वरूप की सुंदर झांकी छप्पन भोग महाप्रसाद के साथ सजार्ई। मुख्य यजवान संतोष यादव ने समस्त श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।