गोविंद को पाना है, तो भजन तो गाना पड़ेगा : पं शर्मा

गोविंद को पाना है, तो भजन तो गाना पड़ेगा : पं शर्मा

श्रीमद भागवत कथा का छटवा दिन
इटारसी। पुरानी इटारसी स्थित कैलाश विहार कालोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छटवें दिन कथा वाचक पं रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि अगर गोविंद को पाना है तो भजन गाना पड़ेगा। जहां आपकी सीमा समाप्त होती है, वहां ईश्वर की सीमा प्रारंभ होती है, और गोविंद तक पहुंचने के लिए पहले आपको आगे आना पड़ेगा, तभी आपको गोविंद आगे मिलेगा।
पं रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा की परमात्मा का नाम लेने से पुण्य बनता है। जैसे रास्ते में जाम लगा देते हैं तो सरकार जाग जाती है, ठीक वैसे ही परमात्मा का नाम लेने से परमात्मा भी जाग जाते है। सुबह उठते ही अपना शरीर और हर एक सांस भगवान को समर्पित करना चाहिए और कहना चाहिए प्रभु जो बोलूं तेरा भजन, इन कानों से जो भी सुनूं वो तेरा कथन, इन पैरों से जहां भी चलूं वो तेरी परकम्मा और जितनी देर नींद लंू वो तेरी समाधि। एक-एक क्षण, एक-एक सांस भागवत तुझे अर्पण करूं। परमात्मा की भक्ति उसकी शक्ति कभी कम नहीं पड़ती, परमात्मा का द्वार अयोग्य का द्वार है। भगवान की शरण में जाने से सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इसी तरह कथा सुनना भी सबसे बड़ा पुण्य है। तुलसी, आंवला, पीपल, वट, ब्राम्हण, गाय और पूजनीय वृक्ष, माता पिता और गुरु दिखे तो प्रणाम जरूर करें। हमारी संस्कृति हाथ मिलाने की नहीं हाथ जोड़कर प्रणाम करने की है। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान पं रामेश्वर शर्मा ने श्रीकृष्ण की कथा सुनाते हुए बताया कि किस तरह श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया और अपने माता-पिता को जेल से छुड़ाया। कथा के दौरान रुकमणी विवाह का आयोजन भी किया।

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AUTHORRohit

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