ग्राहक से छोटे नोट नहीं लेने पर विवाद
इटारसी। वर्तमान समय में रुपए के बड़े नोटों की उपयोगिता अधिक होने से दस और बीस के छोटे नोटों का चलन कम हो गया है। अब बैंकों में भी छोटे नोट ग्राहकों से अधिक मात्रा में नहीं लिये जाते हैं। इसका सीधा उदाहरण शुक्रवार को दोपहर में पंजाब नेशनल बैंक में देखने को मिला जहां दस और बीच के छोटे नोटों को लेकर ग्राहक और बैंक प्रबंधन में विवाद हो गया।
पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा जयस्तंभ चौक में शुक्रवार को छोटे नोटों का विवाद काफी चर्चा में रहा। ग्राम सेमरीखुर्द निवासी प्रीतम कहार दस और बीस के नोटों की आठ गड्डी में पंद्रह हजार रुपए लेकर यहां आया था। वह रुपए उसे अपने सेठ मनीष यादव निवासी गोरखपुर उत्तरप्रदेश के खाते में जमा करना था। उसने फार्म भरा और लाइन में खड़ा हो गया। लेकिन जब उसका नंबर आया तो केस काउंटर पर मौजूद क्लर्क ने कहा कि यह रुपए आप हमारी कियोस्क शाखा में ले जाईये। जब वह कियोस्क शाखा में गया तो वहां से भी उसे वापस कर दिया गया। फिर एक बार वह पीएनबी की मेन ब्रांच में आया तो बैंक प्रबंधन ने छोटे नोट लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद युवक और बैंक प्रबंधन के बीच विवाद हो गया। यह सारी बात युवक ने मीडिया को बतायी। उसने कहा कि उसे छोटे नोट जमा करने में तीन घंटे की मशक्कत करनी पड़ी और अपमान भी सहना पड़ा।
छोटे नोट नहीं लिये जाने के इस आरोप को लेकर मीडिया ने पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक सुधीर सिंह से जवाब मांगा तो उन्होंने आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी प्रकार के नोटों का चलन हो रहा है। हमारे छह बैंक कर्मी चुनावी ड्यूटी में गये हैं। अत: काम अधिक होने से कुछ ग्राहकों को कियोस्क सेवा केन्द्र भेजा जा रहा है और यह आरोप लगाने वाला व्यक्ति तो हमारा ग्राहक भी नहीं है। इसके बावजूद उसके रुपए ट्रांसफर के लिए लिये गये हैं। बहरहाल जो भी हो, लेकिन सच तो यही है कि बैंकों में या बड़े व्यापारिक संस्थानों में पांच रुपए से लेकर 10 रुपए तक के नोट एवं चिल्लर नहीं लिये जा रहे हैं।