चार माह के लिए सो गए देव
साल के अंत तक करने होगा विवाह का इंतज़ार
साल के अंत तक करने होगा विवाह का इंतज़ार
इटारसी। मांगलिक कार्यों में पूजे जाने वाले देव सो गए हैं, केवल चातुर्मास में ईश भजन और अन्य देवपूजन ही हो सकेंगे। आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे। जिनको अपने बेटे-बेटियों के हाथ पीले करना है उनको साल के अंत तक 4 माह इंतजार करना होगा।
संस्कृत पाठशाला के प्रधान आचार्य पं. विकास शर्मा के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर देवता 4 माह के लिए शयन पर चले गए। वे अब 31 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल एकादशी (देव प्रबोधिनी) को ही जागेंगे। देव के उठने पर ही मांगलिक आयोजन शुरू हो सकेंगे जिनमें मुंडन, कर्णभेदन, पुंसवन संस्कार के साथ ही विवाह शामिल हैं। देव प्रबोधिनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त के बाद नवंबर में 19, 23, 28, 29 व 30 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं, इसके बाद दिसंबर में 3-4 मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 दिसंबर को मलमास शुरू हो जाएगा। तब भी एक माह मांगलिक आयोजन नहीं हो सकेंगे।
एक नज़र इधर भी
4 जुलाई को देव चले गए शयन पर
4 – माह शयन पर रहेंगे देव
31 अक्टूबर को जागेंगे देव
4 जुलाई व 31 अक्टूबर को रहेगा अबूझ मुहूर्त
15 दिसंबर को शुरू होगा मलमास