इटारसी। कहते हैं, जिद करो, दुनिया बदलो। ऐसी ही एक जिद दक्षिण बंगलिया के लोगों ने की और अपने लिए सड़क बना ली। रेलवे पुलिया के नीचे से शहर आने के लिए उनके पास एक ही रास्ता था, जो काफी कीचड़भरा था। आने-जाने में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन किसी तरह से काम चलाया जा रहा था। जब एक गर्भवती को अस्पताल ले जाने की बात आयी और परेशानी अधिक हुई तो यहां के युवाओं ने जिद की और सड़क तैयार कर ली। युवाओं के इस काम की अब प्रशंसा हो रही है।
दरअसल, दक्षिण बंगलिया के लोगों को रेलवे लाइन के इस तरफ बसे शहर में आने के लिए या तो रेलवे लाइन के ऊपर से आना पड़ता है या फिर पुलिया के नीचे से। रेलवे लाइन के ऊपर से तो पैदल निकल सकते हंै, लेकिन आपात स्थिति में वाहन निकलने के लिए रेलवे की पुलिया ही एकमात्र रास्ता है। पुलिया में पानी भरा होने और कीचड़ होने से यहां के लोगों को परेशानी होती थी। जब इस क्षेत्र की एक गर्भवती महिला को प्रसूति के लिए अस्पताल ले जाना था तो बड़ी दिक्कत हुई। ऐसे में किसी तरह युवाओं ने पहले महिला को अस्पताल पहुंचाया फिर जिद की और सीमेंट-कांक्रीट की व्यवस्था करके सड़क बना दी। इस कार्य में लगभग एक दर्जन युवाओं प्रदीप, लोकेश, रोहित, मोहित, जितेंद्र, सौरभ, शुभम, सुमित, विजय सिंह, संदीप, अभिषेक, अक्कू, चिंटू, अमित, अजय, भरत, रेशु, बन्टू, विनोद बाबा, मुकेश बाबरिया, राजू अहिरवार, अतुल, पप्पू, मनीष, अज्जु, बिट्टू ने अपना योगदान दिया।