जलसंकट की स्थिति विकराल, सभी 35 कुए सूखे
पानी नहीं तो पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे ग्रामवासी
सिवनी मालवा। ग्राम भिलाडिय़ा कलॉ में जल संकट विकराल स्थिति में पहुंच गया है, तेज तपन और जल स्तर में गिरावट से गांव के 35 कुएं सूख गए हैं। नलजल योजना पहले ही ठप है। गांव में मात्र एक सरकारी बोर है, जो पानी उगल रहा है। बोर के पानी से ही तीन हजार आबादी वाला गांव जैसे-तैसे प्यास बुझाने को मजबूर है। बोर का पानी तालाब में छोड़ा जा रहा है जिससे गांव के मवेशी भी प्यास बुझा पा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो हमें गांव से पलायन करना पड़ सकता है।
भिलाडिय़ा कला बड़ी पंचायत है, गांव की आबादी लगभग तीन हजार है जिसमें मतदाता 1800 के आसपास है। पूरे गांव में वर्षों पुराने 35 कुएं हैं जो पूरी तरह से सूख चुके हैं जिससे गांव में पेयजल आपूर्ति होती थी। नलजल योजना का काम मंद गति से होने के कारण ठेकेदार की शिकायत सीएम हेल्प लाइन पर कर चुके हैं मगर टंकी का काम करने वाले ठेकेदार के द्वारा बहुत धीरे किया जा रहा है जिस कारण पूरा गांव पानी को तरस रहा है। पूरे गांव में नलजल योजना कि पाइप लाइन डल चुकी है एक लाख 25 हजार लीटर की पानी टंकी भी मूकदर्शक की भांति बनी खड़ी है। कुएं सूखने पानी के लिये त्राहिमाम की स्थिति है। जलस्तर भी काफी नीचे पहुंच गया है। भिलाडिय़ा गांव में पीने के पानी की जो भी समस्या वह कुप्रबंधन और जिम्मेदारों की अनदेखी का नतीजा है। खासकर गर्मी के दिनों में लोग पीने के पानी को तरस रहे गांव में मौजूद सरकारी बोर में भरपूर पानी है उसके बाद भी प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है कि गांव में नलजल की पाइप लाइन बिछी हुई है मगर टंकी बनाने वाले ठेकेदार की लापरवाही का परिणाम ग्रामीण भोग रहे है। भिलाडिय़ा कला के रहने वाले ग्रामीणों का कहना है जब टंकी समय पर नही बना पा रहे तो गांव में नलजल योजना की पाइप लाइन क्या वाहवाही लूटने बिछाई है। पाइप लाइन बिछाई जा रही थी तो ग्रामीणों ने खुद आगे आकर सहयोग किया था उन्होंने अपने घरों के सामने खुद गड्ढे खोदे ताकि जल्द से जल्द पानी आएगा मगर दुर्भाग्य तो देखिए कि पाइप लाइन बिछाई तो पानी के लिये मगर उसमे आजतक पानी नही आया। पानी की टंकी भरने सरकारी बोर किया गया था मगर टंकी तो बन ही नही पाई जिस कारण गांव के सरपंच ने उस बोर का मुंह गांव में बने तालाब की तरफ कर दिया जिससे ग्रामवासी को पीने का पानी मिले और तालाब में पानी इक_ा होने से गांव के मवेशियों की भी प्यास बुझे साथ ही सरपंच ने सारे सूख चुके कुओ को भी साफ करा रहे जिससे बारिश के समय जमीन में पानी जाए और जलस्तर बढे एवं आने वाले समय मे इस प्रकार पानी के लिये जूझना न पड़े।
ग्रामीणों मानसी यादव, माया आदि का कहना है कि एक महीने से कुओं में पानी नहीं है। हम बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं। अभी पानी मिल रहा वो तालाब के पास जाकर सरकारी बोर भरना पड़ता है।
इनका कहना है…!
हमारे गांव में अस्सी प्रतिशत कुएं पूरी तरह से सूख चुके है। ग्रामवासी पानी के लिये त्राहि त्राहि कर रहे। नलजल योजना की जो टंकी बनी उसका भी ठेकेदार की लापरवाही से काम नही हुआ है 44 डिग्री तापमान में गांव की महिलायें सरकारी बोर से पानी भरने आती है। टंकी नही बनी इसकी शिकायत भी मैंने सीएम हेल्पलाइन पर की थी मगर कोई आश्वासन नही मिला है। एक बोर के भरोसे पूरे ग्रमीण है। इस कारण इसका पानी तालाब में छोड़ते है ताकि मवेशियों को भी पीने का पानी मिले।
विनय मालवीय, सरपंच भिलाडिय़ा कला
सिवनी मालवा में पानी की समस्या है जिस गांव की आप बात कर रहे है, उस गांव में ज्यादा समस्या है। मगर कुएं सूखने पर सरकारी बोर का इंतजाम किया है जिससे ग्रमीण पानी ले रहे है। कही कही नलजल योजना में खराबी है। भविष्य में लोगो को पानी समस्या न हो उस पर काम किया जा रहा है। 15 दिन बाद बारिश शुरू हो जायेगी जिससे सूख चुके कुओं में पानी आने लगेगा।
रविन्द्र मिश्रा, कमिश्रर