जीवन में दु:ख आने पर ही परमात्मा की सच्ची भक्ति होती है : तिवारी
इटारसी। मानव जीवन में दु:ख आना भी अति आवष्यक है चूंकि दु:ख की घड़ी में ही परमात्मा की सच्ची भक्ति होती है। उक्त उद्गार संत भक्त पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने गोकुल नगर खेड़ा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा समारोह के समापन दिवस में व्यक्त किये।
यादव परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा समारोह में समापन दिवस में सुदामा प्रसंग का विशेष वर्णन करते हुए आचार्य श्री तिवारी ने कहा कि संसार सागर में सुख और दु:ख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लेकिन सुख की अधिक प्राप्ति हमें धर्म अध्यात्म से दूर कर मोह माया के जाल में फंसा देती है, जबकि दु:ख में हमें परमपिता परमात्मा की सच्ची भक्ति की ओर अग्रसर करता है। इसलिए जीवन में दु:ख आना भी अति आवश्यक है। कथा के समापन के अवसर पर मुख्य यजवान संतोष यादव, रामअवतार यादव एवं पार्षद राजकुमार यादव आदि ने प्रवचनकर्ता श्री तिवारी का समस्त श्रोताओं की ओर से नागरिक सम्मान किया। अंत में भंडारा हुआ जिसमें करीब 5 हजार श्रोताओं ने भोजन रूपी महाप्रसाद ग्रहण किया।