सिद्ध संत शिरोमणी बंगाली बाबा श्री सीताराम ओंकार नाथ महाराज जी रेवानुरागी थे। अक्सर होशंगाबाद और ओंकरेश्वर आते रहते थे। यहां के जान-माने परिवार हर्णे जी के यहां उन्होंने 63 बरस पहले 16 नाम 32 अक्षर के महामंत्र हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे, हरे राम, हरेराम, राम-राम हरे-हरे की शुरुआत कराई थी। पूर्व मंत्री दादा मधुकर राव हर्णे बताते है कि पूज्य गुरुदेव ने 1957 में इस महामंत्र की शुरुआत हमारे घर कराई थी। तब से अखंड कीर्तन महामंत्र चल रहा है। दुख-सुख, परेशानी आती जाती है। पूज्य पिता अन्ना साहब, बड़े भाई नाना साहब, विठ्टल दादा साहब और भी लोगों का निधन हुआ लेकिन कीर्तन कभी भी रुका नहीं, बल्कि इससे रोग शोक में भी हमें हालातों का सामना करने की अद्भुत ऊर्जा मिलती रही और इसके दिव्य प्रभाव से घर परिवार सहित आसपास भी एक सकारात्मक आभा व्याप्त रहती है।
महान संत विभूति पूज्य बंगाली बाबा के पावन दर्शन का सौभाग्य मुझे भी बचपन में मिला था। आज भी दिव्य मुखमंडल, लंबी जटाएं, हृदय पर शोभित अपने गुरुदेव की पावन पादुकाएं, लंबी छरहरी काया, अजानबाहू मोहक अधरों से झरती मंजुल स्वरूप छबि आज भी आंखों में बसी हैं। 1964 में बंगाली बाबा ने यहां श्रीधर कुटी के पास मैदान में विशाल विष्णुयज्ञ आयोजित कराया था। देशभर से बाबा भक्त सहित इटारसी-होशंगाबाद से बड़ी संख्या में यज्ञ का पुण्य अर्जित करने, महाराज जी से दीक्षा लेने आए थे। मैं भी पूज्य स्व. माताजी रानी मां और बड़े भाई-बहन अरुणा दीदी सहित आया था। माताजी ने गुरुदेव से दीक्षा ली थी और यहीं महामंत्र दिया था। बाबा भीगी मूंग दाल का प्रसाद देते थे। परम पूज्य बंगाली बाबा के अद्भुत जीवन अद्भुत लीलाओं का विशद वर्णन श्री श्री ओंकारनाथ माधुरी जी द्वारा रचित कृति चित्त का महोत्सव में है। भारतीय सेना के एक थल सेना अध्यक्ष ने बाबा को वन मैनआर्मी कहा है। दलाई लामा जी प्रभुदत्त ब्रम्हचारी, जैन मुनि अन्य मनीषी सहित ललिता शास्त्री जी, अटलजी, इंदिरा जी आदि देश विदेश के अन्य सुधिजन गुरुदेव से आशीर्वाद लेने आते रहते थे। गरीब-अमीर सभी के प्रति समान भाव उनके हृदय में था। देश पर मंडराए संकट के समय उनकी कृपा से आपदाएं ख़त्म हुई हैं। देश-विदेश के अनेक स्थानों में स्थिति आश्रमों में दुख, शोक, तकलीफ हरने बाला हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे, हरे राम, हरे राम, महामंत्र कीर्तन अविराम चलता रहता है।
पंकज पटेरिया,
वरिष्ठ पत्रकार/कवि
संपादक: शब्दध्वज होशंगाबाद
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परम पूज्य बाबा जी को वधॆन परिवार (पथरौटा) की आेर से सत्-सत् नमन।”हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे”