इटारसी। भारतीय जनता पार्टी के छह नेताओं को पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा दिये कारण बताओ नोटिस से पार्टी की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। इन नोटिस के बाद सोशल मीडिया पर जिलाध्यक्ष को ट्रोल किया जा रहा है। लेकिन, जिनको नोटिस मिला है, वे आश्चर्य के साथ अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने शहर के भाजपा नेता और सांसद प्रतिनिधि दीपक अग्रवाल, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संदेश पुरोहित, पूर्व पार्षद शिवकिशोर रावत, वर्तमान पार्षद यज्ञदत्त गौर, श्रीमती भागेश्वरी रावत, श्रीमती ममता कौर को नोटिस देकर कहा है कि नगर पालिका इटारसी के विरुद्ध आप लोग लगातार झूठी शिकायतें कर रहे हैं, तथ्यहीन आधारों पर शिकायतों को मीडिया के माध्यम से प्रकाशित भी आप करते आ रहे हैं। इस संबंध में पार्टी के सभी वरिष्ठों ने आपसे चर्चा की परंतु इस चर्चा के बाद भी आपने झूठी शिकायतें जारी रखी हैं। अत: प्रदेश अध्यक्ष के कड़े र्दिेश पर आपको इस पत्र के माध्यम से आपको सूचित किया जाता है कि अपना स्पष्टीकरण 7 दिन में प्रस्तुत करें। अन्यथा आपके विरुद्ध संगठन के द्वारा कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में जवाब देने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। दरअसल, यह सारा घटनाक्रम पिछले मंगलवार को पांच नेताओं द्वारा कलेक्टर की जनसुनवाई में दिये एक आवेदन के बाद हुआ है। नोटिस में शिकायतकर्ता कौन है, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। नोटिस की प्रतिलिपि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को भी भेजी गयी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा भेजे गये नोटिस के जवाब में
जिला उपाध्यक्ष संदेश पुरोहित ने कहा कि मैंने तो बीते साढ़े चार सालों में नगर पालिका की सीढ़ी तक नहीं चढ़ी है और कलेक्टर की जिस जन सुनवाई में हम जिन समस्याओं को लेकर गये थे वो लोक निर्माण विभाग की अनियमितताओं की थी, जो राज्य सरकार के अंतर्गत आती है। राज्य सरकार कांग्रेस की है और हम विपक्ष में हैं तो विपक्ष की भूमिका तो निभानी पड़ेगी। जिलाध्यक्ष ने हमें अकारण नोटिस दिये हैं। लेकिन होशंगाबाद में भाजपा की नगर पालिका के खिलाफ वहां के विधायक प्रतिनिधि सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, उन्हें नोटिस क्यों नहीं दिये गये?
पार्षद ममता कौर के प्रतिनिधि जोगिंदर सिंह ने कहा कि नगर पालिका में ठेकेदार और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। अध्यक्ष की कोई सुनवाई नहीं होती है। इसलिए यह नगर पालिका प्रदेश की सबसे भ्रष्ट नगर पालिका बन गयी है जिससे पार्टी की छबि धूमिल हो रही है। उसे बचाने के लिए हमें जो भी करना पड़ रहा है, वह कर रहे हैं। अब इसे कोई अनुशासनहीनता कहे तो कहे।
पार्षद यज्ञदत्त गौर का कहना है कि जिलाध्यक्ष ने जो नोटिस दिया है उसका जवाब प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन मंत्री से मिलकर स्पष्टीकरण के रूप में देंगे। इस कारण बताओ नोटिस का समय आश्चर्यजनक है।
पार्षद भागेश्वरी रावत के पति शिवकिशोर रावत ने कहा कि हमने नगर पालिका अध्यक्ष सुधा अग्रवाल के खिलाफ आज तक एक शब्द नहीं कहा है। हम तो नगर पालिका के सीएमओ एवं ठेकेदार की मिलीभगत से जो भ्रष्टाचार हो रहे हैं, उन्हें उजागर कर रहे हैं। इसी तरह से हमारे वार्ड में जो समस्याएं हैं, उन्हें नगर पालिका के पटल पर रखते हैं, वहां सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए कलेक्टर की जन सुनवाई में गये थे। अगर जनता की आवाज उठाना अनुशासनहीनता है तो यह तो हम करते रहेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रतिनिधि दीपक अग्रवाल से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने मीडिया से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया।
इनका कहना है…!
लगातार उच्च स्तर तक पहुंच रही शिकायतों के बाद प्रदेश स्तर से मिले निर्देश पर कारण बताओ नोटिस दिये गये हैं। प्रदेश स्तर से आगे जो भी निर्देश मिलेंगे, वैसा किया जाएगा।
हरिशंकर जायसवाल, जिलाध्यक्ष