नहर किनारे सरकारी भूमि पर लगे हरे-भरे पेड़ काटे

इटारसी। वर्तमान समय में पर्यावरण विभाग एवं जल संरक्षण के लिए जहां बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाये जा रहे हैं, तो वहीं वन माफिया व भू माफियाओं द्वारा शासन की आंखों में धूल झौंककर धड़ल्ले से हरे-भरे वृक्षों को काटा जा रहा है। इसका ज्वलंत उदाहरण तवा माइनर की बड़ी नहर से लगी हुई ग्राम गोंची तरोंदा की शासकीय भूमि पर देखने को मिला है।
ग्राम गोंचीतरोंदा से पीपल ढाना की ओर जाने वाले जमानी सड़क मार्ग पर यह है तवा डेम की बड़ी नहर और इसके बगल से ही लगी है यह खेतीहर भूमि। यही से निकली है वह पहाड़ी नदी जो आगे चलकर मेहरागांव नदी के नाम से जानी जाती है। इस नदी से ही लगी सरकारी गोहा की भूमि है जिसकी चौड़ाई करीब 50 फुट है और लंबाई तो अनंत है। इस पूरी सरकारी जमीन पर आलोक पिता आनंद पटेल निवासी पथरोटा ने अवैध कब्जा किया है। इस भूमि पर लगे हरे-भरे पेड़ भी ये लगातार काटते जा रहे हैं। इसकी शिकायत यहीं पर रहने वाले विपिन पटेल एवं उनकी बहन प्रीति पटेल द्वारा लंबे समय से की जा रही थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। आज 21 मई, गुरुवार को भी सुबह से ही आलोक पटेल द्वारा सू बबूल व अन्य वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही थी। इसको रोकने के लिए फरियादी बहन-भाई फिर एक बार तहसील कार्यालय पहुंचे तो नायब तहसीलदार रितु भार्गव ने एसडीएम इटारसी को उक्त शिकायत से अवगत कराया। एसडीएम ने तत्काल ग्राम गोंचीतरोंदा के पटवारी राहुल मीना को ग्राम कोटवार के साथ घटनास्थल पर भेजा और कटाई रोकने के आदेश दिये।
पटवारी राहुल मीना ने बताया कि हम मौके पर पहुंचे तब तक पेड़ काटने वाले भाग चुके थे। लेकिन इस बीच उन्होंने पांच वृक्षों को जमीन से ही काटकर उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिये थे। इसका पंचनामा बनाकर एसडीएम के पास पेश किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आलोक पटेल ने वृक्षों की शाखा काटने के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन दिया था लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली है। इसके बावजूद उसने पेड़ काट डाले हैं। कटाई की सूचना पर हमने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो देखा कि पांच पेड़ एक ही दिन में काटकर जमीन पर टुकड़े-टुकड़े कर दिये हैं। इसके पहले भी पेड़ काटे गये हैं। मौके पर ऐसे करीब तीस से पैंतीस हरे वृक्षों को काटा गया है और जेसीबी से उनकी जड़ें निकाल दी गई हैं। कहीं-कहीं हरे पेड़ों में आग भी लगायी गई है। इस अवैध कटाई को रोकने का प्रयास करने वाले विपिन पटेल ने बताया कि आलोक पटेल ने इस सरकारी जमीन पर लगे वृक्षों को काटकर पुरानी इटारसी के एक लकड़ी माफिया को बेचा है।
इस अवैध कार्य को रोकने में विपिन पटेल की बहन प्रीति पटेल भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि आनंद पटेल ने वृक्षों की अवैध कटाई के साथ ही वहां बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। इसके काम में कतिपय शासकीय कर्मचारियों की भी मिलीभगत है।

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