नाराजगी : छठ के दूसरे दिन छोड़ा नहर में 5 सौ क्यूसेक पानी
इटारसी। जल संसाधन विभाग ने नहर में रबी फसल के लिए रविवार को पानी छोड़ा है, जबकि छठ पूजा के लिए बिहारी समाज को उम्मीद थी कि विभाग शुक्रवार को पानी छोड़ेगा ताकि वे छठ पर्व पर डूबते और उगते सूर्य को अघ्र्य दे सकेंगे। पानी नहीं मिलने से एक बड़ा समाज नाराज हो गया है। समाज के एक वरिष्ठ सदस्य रघुवंश पांडेय का कहना है कि बिहारी समाज ने तो जैसे-तैसे छठ पर्व मना लिया और डबरों में भरे पानी में किसी तरह से खड़े होकर सूर्य को अघ्र्य दे दिया। लेकिन, इसका खामियाजा सरकार को अवश्य भोगना होगा।
जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निर्देश कल शाम को ही मिले हैं, यह सही है कि पहले छोड़ा जाना चाहिए था क्योंकि यह हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है। लेकिन, हम तो उच्च स्तर से आने वाले आदेशों से बंधे हैं। रविवार को दोपहर 3 बजे पूजा करने के बाद 3:30 बजे जलसंसाधन विभाग ने तवा बांध से मुख्य नहर में पानी छोड़ा है। इटारसी के पथरोटा तक आने में इस पानी को छह से सात घंटे लगेंगे और देर रात तक ही यह पानी आ सकेगा।
डिमांड देरी से मिली
दरअसल, विभागीय सूत्रों का कहना है कि डिमांड ही देरी से मिली है। टिमरनी के किसानों ने 5 नवंबर तक पानी की मांग की है। परसों डिमांड लेकर अधिकारी आए और रविवार को दोपहर 3:30 बजे नहर में पांच सौ क्यूसेक पानी छोडऩा प्रारंभ किया गया। 5 नवंबर तक टिमरनी क्षेत्र को और उसके अगले दो से तीन दिन में टेल क्षेत्र तक पानी पहुंच जाएगा ऐसी उम्मीद की जा रही है। जहां तक पानी छठ पूजा के लिए छोडऩे की बात है तो पानी छोडऩे के लिए लंबी प्रक्रिया है। कमिश्रर की अध्यक्षता में जल संस्थाओं की बैठक में यह सारे निर्णय लिये जाते हैं। उस बैठक में जो तय होता है, उसके अनुसार विभागीय अधिकारियों को कार्यवाही करनी होती है।
भरपूर है तवा में पानी
इस बार तवा बांध में इतना पानी है कि अगले वर्ष यदि बारिश कम या समय पर नहीं हुई तो धान की फसल को भी पानी दिया जा सकता है। इस वर्ष बांध की निर्धारित क्षमता से भी अधिक पानी है। पिछले वर्ष तवा में 1157 फुट पानी था जो निर्धारित 1166 से करीब 9 फुट कम था। इस वर्ष यह 1166.50 है। यदि किसान जागरुक रहे, और पानी की बचत करे तो टेल एंड तक आसानी से पानी पहुंचेगा। किसान को मूंग के लिए भी भरपूर पानी मिलेगा और अगले वर्ष धान की फसल के लिए भी पानी मिल सकता है। दरअसल, पानी जब नहर में छोड़ा जाता है तो कहीं टूटी नहर, किसानों की लापरवाही से पानी बर्बाद हो जाता है और टेल एंड तक नहीं पहुंचता है।
इनका कहना है…!
आज दोपहर 3 बजे पूजा-अर्चना के बाद 3:30 बजे रबी फसल के लिए नहर चालू कर दी गई है। इसके लिए हमें डिमांड परसों ही मिली थी। टिमरनी के किसानों की मांग के बाद डिमांड मिली और आज नहर चालू की है।
एनके सूर्यवंशी, एसडीओ तवा