पार्किंग नहीं, बदहाल यातायात व्यवस्था
इटारसी। हिन्दुस्तान में जहां जो काम करने को मना किया जाए, वहां जरूर वही काम होता है। यही आदत से व्यवस्था में सुधार की उम्मीद करना बेमानी होता है। ऐसा ही दृश्य हमें शहर में पार्किंग के मामले में देखने को मिलता है। शहर के लोग सबसे अधिक वाहन नो पार्किंग जोन में ही लगाते हैं। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से भी इनके हौसले बुलंद होते जाते हैं। यही कारण है कि यहां की पार्किंग व्यवस्था में कभी सुधार नहीं हो पा रहा है।
शहर के बाजार में पार्किंग व्यवस्था बदहाल है। जहां-जहां नगर पालिका ने नो पार्किंग जोन के बोर्ड लगाए हैं, वहीं सबसे अधिक वाहन खड़े रहते हैं। यह प्रशासन को खुली चुनौती से कम नहीं है। लेकिन, व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार विभाग के लोग केवल ड्यूटी की खानापूर्ति करते हों तो व्यवस्था में सुधार की उम्मीद भी कैसे की जाए। सबसे अधिक व्यस्त क्षेत्र जयस्तंभ चौक के चारों तरफ की सड़क पर सौ मीटर के दायरे में सुबह दस बजे से रात दस बजे तक जबर्दस्त भीड़ होती है। सबसे अधिक दुपहिया वाहनों की संख्या यहीं दिखती है तो आजकल चारपहिया वाहन भी यहां खड़े किये जाने लगे हैं। कुछ वर्ष पूर्व नगर पालिका ने इस क्षेत्र को नो पार्किंग जोन घोषित किया था ताकि कोई यहां वाहन खड़े न करे परंतु वाहन चालकों ने यहां लगे बोर्ड की अनदेखी कर रखी है और खुद को शहर के जिम्मेदार नागरिक मानने वाले भी यहां गैरजिम्मेदाराना हरकत करते हंै और घंटों उनके वाहन एमजी मार्ग, तुलसी चौक मार्ग पर खड़े रहते हैं। प्रशासन ने भी केवल नो पार्किंग जोन का बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है और वाहन चालकों से आदेश का पालन कराने में यातायात विभाग रुचि नहीं ले रहा है।
कुछ दिन पूर्व एक बार नगर पालिका प्रशासन और यातायात विभाग की टीम ने संयुक्त कार्यवाही करके अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलायी थी। इस दौरान सड़कों पर बेतरतीब खड़े होने वाले वाहनों को जब्त भी किया गया था। इस मुहिम के कारण कुछ समय तक तो जयस्तंभ चौक के आसपास वाहन खड़े नहीं हुए थे। लेकिन मुहिम में निरंतरता के अभाव के चलते व्यवस्था फिर से पटरी से उतर गयी है। पिछले करीब चार माह से नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाने संबंधी कोई कदम नहीं उठाया है तो वहीं ट्रैफिक पुलिस भी ओवरब्रिज और पुलिस थाने के पास चैकिंग के अलावा कोई दूसरा काम नहीं कर रही है। ट्रैफिक अमले के लोग शहर के दो-तीन स्थानों पर वाहन चालकों से वसूली करते देखे जाते हैं, लेकिन शहर के बाजार क्षेत्र की यातायात व्यवस्था सुधारने में रुचि नहीं लेते हैं।
रेलवे स्टेशन के सामने, हनुमान मंदिर के पास, रेलवे स्टेशन तिराहे, गुरुद्वारा के पास, देशबंधुपुरा, सूरजगंज चौराह, नीलम होटल के सामने जाम की स्थिति बनती है, लेकिन यातायात अमला इस दौरान नदारद रहता है। जयस्तंभ चौक से आरएमएस आफिस तक मिड वे पार्किंग, जयस्तंभ चौक से बड़ा मंदिर रोड पर मिड वे पार्किंग, पोस्ट आफिस गेट से नारियल बाजार रोड, पुराना फल बाजार, तुलसी चौक, नीमवाड़ा जैसे क्षेत्र मं अघोषित पार्किंग स्थल बनाकर रखे गये हैं, जहां व्यवस्था को सुधारने न तो नगर पालिका सुध ले रही है और ना ही पुलिस का यातायात अमला। कुल जमा सभी नो पार्किंग जोन पार्किंग स्थल बन गये हैं, और इस तरफ देखने वाला कोई भी नहीं है।