पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) पर प्रदेश स्तरीय वेबिनार में भाग लिया

पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) पर प्रदेश स्तरीय वेबिनार में भाग लिया

होशंगाबाद। लोक अभियोजन संचालनालय मध्यप्रदेश ने आज ऑनलाईन वेबिनार (Online webinar) के माध्यम से पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के अंतर्गत विशेष लोक अभियोजक की भूमिका रिमांड से अंतिम निर्णय तक विषय पर प्रशिक्षण पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक, संचालक लोक अभियोजन मप्र की अध्यक्षता में किया। इस दौरान हेमन्त जोशी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) बड़वानी ने मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में व्याख्यान दिया। जिला होशंगबाद से उपसंचालक अभियोजन गोविंद शाह, जिला अभियोजन अधिकारी केपी अहिरवार, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी केसी पटेल, एचएस यादव एवं अन्य सभी अभियोजन अधिकारियों ने भाग लिया।
श्री शर्मा ने बताया कि एक अबोध बालक या बालिका के साथ लैंगिक शोषण का अमानवीय कृत्य अपने आप में इतना भयावह है कि एक सभ्य समाज की कल्पना को सिरे से नकार देती है। दुख तब और भी होता है जब ऐसी घटना के बाद पीडि़त व्यक्ति व उसके परिवार जन न्याय प्राप्ति हेतु ना सिर्फ संघर्ष करते हैं। कई बार लगता है कि वह बिना न्याय प्राप्त किए हार मान लेते हैं और यहां मुझे लगता है कि उस कृत्य को करने वाला जितना जिम्मेदार वह दुराचारी है जिसने वह कृत्य किया है उतनी ही जिम्मेदार यह समाज भी है, जो उसे न्याय ना दिला पाया। मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि वर्ष 2018 में हमने संपूर्ण भारत वर्ष में सबसे अधिक फांसी की सजा पॉस्को के अपराधियों को दिलवा कर वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में मप्र लोक अभियोजन का नाम दर्ज कराया था।
हेमंत जोशी (Hemant Joshi) ने लोक अभियोजन अधिकारियों द्वारा पॉक्सो प्रकरणों का किस तरह से संचालन किये जाने के विषय में बताया और अधिनियम के विशेष प्रावधानों को विस्तार से समझाया। अभियोजन अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का श्री जोशी ने समाधान भी दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा सुश्री सीमा शर्मा (Seema Sharma), एडीपीओ, राज्य समन्वयक पॉक्सो, रतलाम ने तैयार की तथा संचालन भी किया। श्रीमती मौसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, संचालनालय लोक अभियोजन ने बताया कि विशेष लोक अभियोजक का दायित्व न केवल दोषी को दंडित कराना है बल्कि पॉक्सो एक्ट एवं अन्य लागू विधियों के अंतर्गत पीडि़त को प्राप्त अधिकारों एवं सेवाओं की उपलब्धताओं की भी जानकारी पीडि़त को देना और इस कार्य में उसकी सहायता करना भी उसका दायित्व है। प्रशिक्षण उपरांत अनिल बादल, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, रतलाम ने आभार प्रकट किया।

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