फादर्स डे : पिता ने हमें अपने पैरों पर खड़े होना सिखाया-अनुभा प्रतिभा सोन्हिया

फादर्स डे : पिता ने हमें अपने पैरों पर खड़े होना सिखाया-अनुभा प्रतिभा सोन्हिया

कहा जाता है पिता जीवन में सबसे बड़े गुरु होते हैं। जीवन की हर छोटी बड़ी मुश्किल से लड़ना पिता ही सिखाते हैं। पिता की गरिमा और सम्मान दुनिया में अनमोल है। यह भी कहा जाता है की बेटियों के लिए पहला प्यार पापा ही होते हैं। बिना शर्तों के प्यार करना बेटियां पापा से ही सीखती हैं। पिता एवं बेटी के भावनात्मक संबंध पर कई फिल्में बनी है फिल्म पीकू में दीपिका पादुकोण एवं अमिताभ बच्चन ने पिता पुत्री की खूबसूरत रिश्तो को बयां किया। ऐसे ही भोपाल से दो सगी बहने अनुभा सोन्हिया एवं प्रतिभा सोन्हिया ने फादर्स डे पर अपने पिता सुनील सोन्हिया को समर्पित अपने विचार प्रकट किए।
पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगी बेटी हमारा ऐसा काम करेगी। कहते हैं बचपन में पापा ही अपने बच्चों को उंगली पकड़कर चलना सिखाते हैं लेकिन यहां तो हमारे पिता ने ना सिर्फ उंगली पकड़कर चलना सिखाया बल्कि हमें अपने पैरों पर खड़े होना सिखाया। बचपन से लेकर आज तक उन्होंने हम पर किसी चीज का दवाब नहीं डाला। बचपन में जब लोग पूछते थे बेटियों को क्या बनाओगे तो वह कहते थे मेरी बेटियां जो बनना चाहेंगे उन्हें बनाऊंगा। आज अनुभा सोन्हिया ने एमबीए कर पुणे में एक प्रतिष्ठित कंपनी में एचआर है। वही एवं प्रतिभा सोन्हिया ने पत्रकारिता एवं एकरिंग फील्ड को चुना। अपने पिता के नाम को रोशन करते हुए फादर्स डे पर सभी बेटे एवं बेटियों के पिता को शुभकामनाएं दे रही हैं।

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