होशंगाबाद। सोसायटी फॉर प्रायवेट स्कूल डायरेक्टर्स मप्र ने सत्र 2017-18 की फीस प्रतिपूर्ति के 59 प्रस्ताव को अनलॉक करने के जिला शिक्षा केन्द्र के पत्र के विरुद्ध आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर होशंगाबाद को दिया है। इसके साथ ही गत दिवस सोहागपुर ब्लाक के एक संचालक के विरुद्ध एक छात्रा के 4400 रुपए की धोखाधड़ी के लिए एफआईआर की कार्यवाही को भी समाप्त करने का निवेदन किया है।
संगठन के जिलाध्यक्ष आलोक राजपूत ने बताया कि यदि एक सप्ताह में दोनों प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो जिला संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने बताया कि दीपावली के पूर्व 59 स्कूलों की दो वर्ष पूर्व की शुल्क पूर्ति के स्थान पर उनके विरुद्ध जिला समन्वयक का यह निर्णय असंवेदनशील है। लगभग सारे प्रकरण 5 से 6 माह से जिला स्तर पर लंबित थे और एक-एक स्कूल को नोडल के सत्यापन के बाद दस्तावेज लेकर कार्यालय में बुलाना शिक्षा के अधिकार कानून एवं फीस प्रतिपूर्ति के राशि के भोपाल के निर्देशों की अवहेलना है। तकनीकि त्रुटि के कारण एक छात्रा के अगले सत्र में प्रस्ताव के साथ लॉक होना और उसकी फीस प्रतिपूर्ति होना धोखाधड़ी है तो सैंकड़ों छात्रों की प्रतिवर्ष तकनीकि त्रुटि के कारण फीस का भुगतान नहीं करना क्या है?
श्री राजपूत ने बताया कि उन्हें विद्यालय की 2016-17 के छात्रों की फीस का भुगतान 55 रुपए हुआ है। प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। प्रदेश संगठन मंत्री रविशंकर राजपूत ने कार्यवाही को नियम विरुद्ध बताया है। ज्ञापन देने वालों में संभागीय अध्यक्ष प्रवीण अवस्थी, जिला सदस्य राकेश दुबे, जिला संयोजक देवी सिंह राजपूत, ब्लाक अध्यक्ष हरगोविन्द शुक्ला, रिजवान हैदर, मोहनलाल गौर, आरएस पवार, अभिषेक दुबे, शरद गौर, मनोज सिंगवाने, संजीव तिवारी, अनिल चंदेल, महेश दायमा, गौरीशंकर बाजपेयी, चरण सिंह, रवि राणा, आशुतोष गुप्ता सहित ब्लाक के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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फीस प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव अनलॉक करने का विरोध
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