इटारसी। पिछले साढ़े चार दशक से जारी श्री शतचंडी महायज्ञ इस वर्ष 13 फरवरी से 19 फरवरी तक चलेगा। महायज्ञ की शुरुआत 13 फरवरी को सुबह 9 बजे से कलशयात्रा से होगी, जो माता महाकाली दरबार से प्रारंभ होकर श्री बूढ़ी माता मंदिर में पहुंचेगी। हवन की पूर्णाहुति 19 फरवरी को दोपहर में होगी।
श्री बूढ़ी माता मंदिर में 13 फरवरी से होने वाले शतचंडी महायज्ञ की तैयारियां प्रारंभ हो गयी हंै। मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का यह 44 वॉ वर्ष है। मंदिर में सफाई, रंग-रोगन के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। यज्ञ 13 फरवरी से शुरु होगा और महायज्ञ के हवन की पूर्णाहुति 19 फरवरी को होगी। महायज्ञ का शुभारंभ 13 फरवरी को श्री माता महाकाली दरबार से कलश यात्रा निकालकर होगा। कलशयात्रा सुबह 9 बजे प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होकर श्री बूढ़ी माता मंदिर परिसर में संपन्न होगी। श्री शतचंडी महायज्ञ के दौरान यहां मंदिर परिसर के पीछे स्थित मैदान पर मेला भी लगेगा। मेला के लिए झूले आदि मैदान में आ चुके हैं। मंदिर के पुजारी पंडित विनोद कुमार त्रिपाठी ने शतचंडी महायज्ञ के विषय में बताया कि इस दौरान प्रथम दिन स्थापना के कार्यक्रम पंचांग पूजन, ब्राह्मण देवता वरण, मंडपस्थ देवता पूजन, श्रीराम चरित मानस के सुंदरकांड पाठ व श्रीमद् देवी भागवत और दुर्गा पाठ प्रारंभ होगा। महायज्ञ के दौरान हवन प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से 5:30 बजे तक चलेगा। 19 फरवरी को दोपहर 2 बजे पूर्णाहुति, पूजन, आरती, प्रसाद वितरण, ब्राह्मण और कन्याभोज तथा महाप्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा।
बूढ़ी माता मंदिर : श्री शतचंडी महायज्ञ 13 फरवरी से
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