बैठक : एसडीएम के खिलाफ मुखर हुए तीन वर्ग के लोग

इटारसी। नगर के तीन वर्ग प्रशासन द्वारा आचार संहिता के दौरान लिए कुछ निर्णयों से ख$फा हैं। इन वर्ग के लोगों ने आज द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में एक बैठक कर चर्चा की और जन आंदोलन के लिए अपनी राय व्यक्त की। बैठक से पूर्व यहां पहले पूजा-अर्चना की गई फिर चर्चा प्रारंभ की गई। बैठक में ब्राह्मण, राजपूत और जैन समाज के लोग एकत्र हुए।
बैठक में तीनों समाज के लोगों ने तय किया यदि अब आंदोलन भी करना पड़े तो हम तैयार हैं। दरअसल, पिछले दिनों परशुराम जयंती और महाराणा प्रताप जयंती पर आचार संहिता के कारण वाहन रैली की अनुमति ब्राह्मण समाज और राजपूत को नहीं दी गई थी, जबकि जिले के अन्य शहरों में वाहन रैली अनुमति लेकर निकली थी। इस बीच दूसरे अन्य प्रकरण भी सामने आए थे जिससे आहत हुए तीनों समाज के लोगों ने एकत्र होकर तय किया है कि शहर के हर व्यक्ति और हर समाज का सहयोग से आगे कदम बढ़ाया जाएगा।
बैठक में सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष जितेन्द्र ओझा ने बताया कि हम वाहन रैली की अनुमति मांगने गए थे तो हमें अनुमति नहीं दी गई। कलेक्टर को ज्ञापन देने गए तो ब्राह्मण और राजपूत समाज के 19 लोगों को 107, 116 को नोटिस भेज दिए। अब अधिकारियों के सामने अपनी बात रखना भी गुनाह है। उन्होंने पंडित नरेंद्र शास्त्री के मामले कहा कि हम उनके लिए साथ हैं और हर स्तर पर उनके लिए लड़ाई लड़ेंगे। यह कोई राजनीतिक बैठक नहीं है बल्कि सभी के हक की लड़ाई है।
जैन समाज के गोलू जैन ने बताया कि उन्होंने एक मकान खरीदा था। इसकी मकान मालिक को मुंह मांगी कीमत दी गई है। इसकी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। अब मकान बेचने वाले व्यक्ति का कहना है कि उस समय कम पैसे में मकान बेच दिया था। संबंधित व्यक्ति और पैसे की मांग कर रहा था, पैसे देने से मना किया तो उसने एसडीएम के समक्ष आवेदन लगा दिया कि दबाव देकर रजिस्ट्री कराई है। इस आवेदन पर एसडीएम ने मकान खाली करने के आदेश दे दिए।
मंडी के मंदिर के पुजारी नरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुझे मंदिर और मेरा समाज चलाने के लिए भीख भी मांगना पड़े तो तैयार हूं। मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया। 22 साल से यहां हूं और मंदिर में सेवा दे रहा हूं। मंडी की ओर से इसका बतौर मेहनताना मुझे मिलता है। मंडी मुझे कैसे यह मेहनताना देती है मुझे इस बात से क्या सरोकार है। एसडीएम पूछते पंडित कहां हैं, कहां रहता है। मुझे वह बाहर निकालना चाहते हैं। परेश सिंह सिकरवार ने कहा कि करनी सेना के संस्थापक योगेंद्र सिंह कालवी आए तो धारा 144 के तहत नोटिस भेज दिए। हम तीन दिन तक चक्कर लगाते रहे। हम सबको मिलकर लड़ाई लडऩा पड़ेगी। बताना होगा कि शहर में अनपढ़ नहीं रहते हैं। एडव्होकेट अशोक शर्मा ने कहा कि हम राजस्व अधिकारियों से निवेदन करेंगे कि यहां नवजात आईएएस को नहीं भेजें। यहां समझदार और अनुभवी अधिकारियों को पदस्थ किया जाए जो मामलों को समझें। हम किसी की बदतमीजी को नहीं झेल सकते। उन्होंने पंडित नरेंद्र शास्त्री के मामले में कहा कि अभी तक का पूरा वेतन लौटाने की बात कर रहे हैं किसे लौटाएं वेतन, मंडी ने वेतन दिया ही नहीं तो किसी वेतन लौटाएं। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने हालांकि बैठक में कुछ नहीं कहा लेकिन इतना आश्वस्त किया है कि बैठक में मौजूद लोग यदि आंदोलन करते हैं तो वे सड़क से संसद तक लड़ाई में साथ रहेंगे।

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