मत्स्य संपदा योजना : पांच वर्ष से विभाग ने नहीं बनाये परिचय पत्र 

मत्स्य संपदा योजना : पांच वर्ष से विभाग ने नहीं बनाये परिचय पत्र 

इटारसी। मांझी मछुआ कल्याण समिति ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया है। समिति का कहना है कि जिले में पंजीकृत मछुआरों के पास मछुआ परिचय पत्र नहीं होने से उनको दो लाख का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
संगठन के अध्यक्ष मोहन रैकवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को कोविड-19 से संबंधित घोषणा में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज का ऐलान में मत्स्य पालन और जलीय क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 20 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का निवेश किया है। इस योजना में समुद्री अंतर्देशीय मछली पालन और जलीय में गतिविधियों के लिए 11 हजार करोड़ तथा आधारभूत ढांचा, शीत भंडार, मछली मार्केट एवं विपणन सुविधा के लिए 9 हजार करोड़ का प्रावधान किया है।
इस पंचवर्षीय योजना में 55 लाख मछुआरों को रोजगार प्राप्ति का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इस योजना में सभी पंजीकृत मछुआरों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा के तहत दो लाख रुपए का बीमा होना है, इसके लिए मछुआरों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाएगा। इसकी राशि केन्द्र और राज्य सरकार देगी। लेकिन, इस योजना में परिचय पत्र होना अनिवार्य है। कलेक्टर से निवेदन किया है कि जिले में मत्स्य विभाग ने चार-पांच वर्षों से पंजीकृत मछुआरों का परिचय पत्र नहीं बनाया है जिससे इस योजना का लाभ होशंगाबाद जिले के पंजीकृत मछुआरों को नहीं मिल सकता है, अत: मत्स्य विभाग में पंजीकृत मछुआरों का नि:शुल्क परिचय पत्र बनाने के निर्देश जारी करें।

 

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