मनरेगा (MANREGA) में आ रही परेशानियों से सीईओ (CEO) को अवगत कराया

मनरेगा (MANREGA) में आ रही परेशानियों से सीईओ (CEO) को अवगत कराया

होशंगाबाद। जनपद पंचायत होशंगाबाद के सरपंच संघ के 20 सरपंचों को मनरेगा (MANREGA) में लेवर बजट में टारगेट पर पूरा नहीं होने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। इन सरपंचों ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मिलकर काम में आ रही परेशानियों से अवगत कराया। दरअसल प्रशासन ने टारगेट पूरा न होने पर पद से मुक्त करने का नोटिस दे दिया था। जबकि सरपंचों ने प्रशासन स्तर से सहयोग नहीं मिलने की बात भी उच्च अधिकारी से की है।
दरअसल, मनरेगा (MANREGA) में 190 रुपए की मजदूरी में मजदूर कार्य करने के लिए तैयार नहीं हैं, बावजूद इसके सरपंच किसी तरह से शासन के निर्देशों का पालन करते हुए सभी निर्माण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरी कम होने के कारण श्रमिक कम काम करते हैं। राशि कम होने से भुगतान में भी काफी समस्या आ रही है। भुगतान में भी समस्या आ रही है जो दो चार माह तक नहीं होता है। सरपंचों ने सामूहिक जवाब सीईओ को एक पत्र में प्रस्तुत किया है। सीईओ (CEO) ने द्वारा जल्द ही समस्या को हल करने का आश्वासन दिया। सरपंच संघ ने उसके बाद सामूहिक बैठक की और तय किया कि आपसी चर्चा कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

खेतिहर मजदूरी ज्यादा है
जिले में कृषि कार्य जोरों पर है। तवा नहर होने से यह सिंचित क्षेत्र है और यहां तीन फसलें ली जा रही हैं, अत: मजदूरों को खेतों में निरंतर काम मिल रहा है और यहां हर रोज चार से पांच सौ रुपए मजदूरी मिल रही है, ऐसे में 190 रुपए में काम करने को मजदूर नहीं मिल रहे हैं। एक खास बात यह है कि खेतों में नगद मजदूरी मिल जाती है जबकि मनरेगा (MANREGA) में भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता है।

सामूहिक काम से परहेज
जब से कोरोना का संकट आया है, ग्रामीण अंचल में भी मजदूर सामूहि काम करने से परहेज करने लगे हैं। उनके मन में भय है कि सामूहिक काम करने में कहीं वे इसकी चपेट में न आए जाएं। मार्च माह से अब तक सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सावधानी रखते हुए काम करके खुद और परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। वे खेतों में दूर-दूर काम कर रहे हैं, मनरेगा में सामूहिक काम से बच रहे हैं।

निर्माण सामग्री का भी अभाव
सरपंचों ने आला अधिकारियों को एक परेशानी कच्चे माल की कमी भी बतायी। पंचायतों में शासकीय निर्माण कार्य हेतु रेत, मुरम, बजरी, गिट्टी सुगमता से उपलब्ध नहीं हो रही है। इसके लिए वे पूर्व में भी सक्षम अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपनी परेशानी से अवगत करा चुके हैं और सामग्री की उपलब्धता की मांग कर चुके हैं। बावजूद इसके रेत की सुगमता के लिए प्रशासन ने काम नहीं किया है।

प्रशासनिक मदद का अभाव
सरपंचों ने प्रशासनिक स्तर पर किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने का सीधा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सड़क योजना जैसे कार्य जिनमें बड़ी मात्रा में मजदरों रोजगार मिलता है, उसके लिए प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है। ये कार्य खोले जाते तो मजदूरों को काम मिल सकता था। मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना जैसे कार्य प्रशासनिक स्तर पर शुरु हों तो मनरेगा का लक्ष्य आसान होगा।

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