वर्धमान एजुकेशन ग्रुप की डायरेक्टर श्रीमती रचना जैन का कहना है कि अगर कोई प्राकृतिक शक्ति प्राप्त हो तो मैं मनुष्य को हमेशा बच्चे जैसा ही निश्छल, निष्कपट और निष्काम बना रहने दूं। उनके विचार है कि महिलाओं को आज दोहरी भूमिका निभाना होगा। एक तो वह गृहिणी है, दूसरा कामकाजी महिला की भूमिका में भी रहना होगा और इसी में आपके जीवन की सार्थकता भी है। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ खड़ी नजर आती है। नारी शक्ति स्वरूपा है और उसने यह साबित भी किया है, उन सभी क्षेत्रों में दखल देकर जिन पर कभी केवल पुरुषों का एकाधिकार माना जाता था। 16 अक्टूबर को जन्मी, एमए एमएड में शिक्षित श्रीमती जैन का कुकिंग में बहुत लगाव है। श्रीमती जैन की कर्मशीलता ही है कि उनके संस्थान से निकले करीब तीन सैंकड़ा बच्चे आज विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं।