युवा नेता ने उठाए व्यापारी प्रकोष्ठ में नियुक्ति पर सवाल
इटारसी। अभी होशंगाबाद में नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल द्वारा संगठन में हुई नियुक्ति के विरोध में असंतोष जताने का मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं पड़ा है कि इटारसी भाजपा प्रकोष्ठ में असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी व्यापारी प्रकोष्ठ के पूर्व नगर संयोजक और पूर्व भाजपा नगर उपाध्यक्ष ने भाजपा नगर अध्यक्ष को पत्र देकर कुछ समय पहले व्यापारी प्रकोष्ठ में प्रदेश कार्यकारिणी में नियुक्ति एवं जिला संयोजक की नियुक्ति और व्यापारी प्रकोष्ठ की बैठक के संबंध में सवाल कर असंतोष जताया है।
भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष शैलेष जैन ने अपने पत्र में कहा कि कुछ दिनों पहले व्यापारी प्रकोष्ठ में जो नियुक्तियां हुई हैं, क्या ये उचित हैं? क्या इस बारे में आपको जानकारी दी गई थी? जिन्होंने कभी पार्टी के पक्ष में काम नहीं किया, जो प्रकोष्ठ के बारे में कुछ नहीं जानते हैं,क्या से नियुक्तियां उचित हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया है कि कुछ दिन पहले व्यापारी प्रकोष्ठ की बैठक हुई जिसकी स्वयं आपको सूचना नहीं नहीं दी गई। मनमाने ढंग से तीन-चार लोगों को बुलाकर बैठक कर ली गई। इसकी सूचना इटारसी नगर भाजपा के किसी भी पदाधिकारी को नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि आपसे मंडल अध्यक्ष होने के नाते मैंने आपको अपनी भावनाओं से अवगत कराया है, आशा है मुझे मेरे इस पत्र के माध्यम से उचित निर्णय लेकर आप अवगत कराएंगे। इस मामले में जब भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन से बात की गई तो उनका कहना है कि उन्हें पत्र मिला था। इसके बाद उन्होंने व्यापारी के नवनियुक्त जिला संयोजक संजय खंडेलवाल से इस संबंध में बातचीत की है, उनका कहना है कि व्यापारी प्रकोष्ठ की कोई बैठक नहीं हुई है, प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक कमल अजमेरा ट्रेन से गुजर रहे थे, उनका उपवास था और पानी पीना था तो वे उनके घर केवल पानी पीने आए थे, जबकि शैलेष जैन ने अखबार में प्रकाशित खबर को अपने दावे के तौर पर पेश करते हुए कहा कि यदि बैठक नहीं हुई तो अखबार में कमल अजमेरा की उपस्थिति में बैठक का समाचार कैसे प्रकाशित हुआ है? बता दें कि कुछ दिन पूर्व बैठक का समाचार प्रकाशित हुआ था।
पहले होशंगाबाद और अब इटारसी में असंतोष के स्वर उभरने से चर्चा है कि आगे भी इस तरह की स्थिति सामने आ सकती है। हालांकि पार्टी ने जब अखिलेश खंडेलवाल से इस संबंध में जवाब मांग लिया है तो उनके तेवर कुछ नर्म हुए हैं। इससे संभवत: पार्टी ने मैसेज देने का प्रयास किया है कि नाराजी का कोई जवाब नहीं दिया जाएगा।