लेडी डाक्टर नहीं मिलीं, महिलाएं हुईं परेशान
इटारसी। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के दौरे और फिर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निरीक्षण और निर्देश के बावजूद यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है। डॉक्टर की मनमानी से मरीज परेशान हैं और मजबूरी में निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। शनिवार को सरकारी अस्पताल में महिला डाक्टर नहीं मिलने से कई महिला मरीज परेशान होती रहीं। एक महिला को तो अन्य चिकित्सकों ने देखकर भर्ती कर लिया लेकिन कुछ ऐसी महिलाएं वापस चली गईं जिन्हें महिला चिकित्सकों को ही दिखाना था।
विगत 25 मई को कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। वे यहां की व्यवस्था, डॉक्टर्स की ड्यूटी पर अनुपस्थिति और अन्य चीजों से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने टीएल बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से नाराजी जतायी और उनको इटारसी अस्पताल का निरीक्षण करने भेजा था। एक सप्ताह बाद शुक्रवार को सीएमएचओ आए तो भी यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखा। वे भी यहां स्थानीय प्रबंधन को आवश्यक निर्देश देकर चले गए। लेकिन, यहां की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। दरअसल, वर्षों से यहां जमे डाक्टर न तो नियमित ड्यूटी करते हैं और ना ही पूरे समय अपनी कुर्सी पर बैठते हैं। राज्य सरकार ने डाक्टर की ड्यूटी का समय भी तय कर दिया है, लेकिन यहां के डाक्टर्स के लिए ऐसे कोई आदेश मायने नहीं रखते। शनिवार को यहां एक भी महिला चिकित्सक नहीं मिली। महिला चिकित्सकों का कक्ष खुला था और कुर्सियां खाली। यहां उपचार कराने आयीं महिलाएं परेशान होकर डाक्टर्स का इंतजार करती रहीं लेकिन पूछने पर भी उनको संतोषजनक जवाब देने वाला भी कोई नहीं था। नाला मोहल्ला की बबिता पति ओमप्रकाश को पेटदर्द की शिकायत थी, वे लेडी डाक्टर को ही दिखाना चाहती थी। लेकिन लेडी डाक्टर नहीं थी। इसी तरह से बारह बंगला निवासी अंजलि पति सीताराम को उल्टी-दस्त हो रहे थे। वह भी महिला डाक्टर को दिखाना चाह रहीं थी। हालांकि हालत बिगडऩे पर उन्होंने अन्य डाक्टर को दिखाया। उनसे ठीक से खड़े होते भी नहीं बन रहा था। उनको अन्य चिकित्सक ने जांच करके भर्ती कर लिया है। दोनों ने बताया कि वे लंबे समय से लेडी डाक्टर का इंतजार कर रही हैं।