शुरु हुई मुहिम,जलस्तर बढ़ाने और हरियाली के लिए उठे कदम

इटारसी। शहर के जागरुक नागरिकों ने आगामी वर्षों में शहर को पेयजल संकट से मुक्ति दिलाने, शहर को हराभरा बनाने का लक्ष्य लेकर एक अभियान शुरु किया है। हालांकि यह अभियान होशंगाबाद जिले को लेकर है, लेकिन इसकी प्रभावी शुरुआत इटारसी से की जा रही है। इन जागरुक नागरिकों ने सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया है, जिसका नाम है, नर्मदांचल जल अभियान। इस अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को औद्योगिक क्षेत्र खेड़ा स्थित तालाब से श्रमदान करके तालाब गहरीकरण कार्य की सांकेतिक शुरुआत की है। आगामी दिनों में इस तालाब की सफाई, खुदाई और सौंदर्यीकरण की दिशा में काम होगा।
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजि़ल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।।
मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी का यह शेर, नर्मदांचल जल अभियान समिति के गठन की हूबहू तस्वीर को पेश करता है। दरअसल, यह समिति शहर के ऐसे नागरिकों की है, जो ज्यादातर एकदूसरे से परिचित नहीं हैं, लेकिन सबका मकसद एक है, नर्मदा भूमि के लगातार नीचे जा रहा जल को रोकना और पुन: उस स्तर को एक निश्चित जगह पर जाना। सोशल मीडिया से इस समिति का आगाज़ हुआ। पानी को लेकर और पर्यावरण में सुधार की मंशा रखने वाले कुछ लोगों ने इस समिति का गठन किया और फिर लोगों से इससे जुडऩे का आह्वान किया। होशंगाबाद जिले से काफी लोग इससे जुड़े, कुछ जो उद्देश्य को समझ न सके, वे जुड़कर बाहर भी हो गये।

जल संरचनाओं का गहन अध्ययन
समिति के सदस्यों ने जिसे जैसा वक्त मिला, शहर की जल संरचनाओं का गहन अध्ययन करने उनका निरीक्षण किया। शहर को तीन तरफ से घेरने वाली दो पहाड़ी नदियों के करीब एक दर्जन स्थान ऐसे देखे जहां सफाई, गहरीकरण कर पानी को बोरी बंधान के जरिये रोकने की जरूरत है। इन पहाड़ी नदियों पर यदि एक दर्जन स्थानों पर बोरी बंधान के जरिये पानी रोककर रखा जाता है तो न सिर्फ शहर के बड़े हिस्से का जलस्तर बढ़ेगी बल्कि गर्मी में मवेशियों को पीने के पानी का इंतजाम भी हो जाएगा। पिछले एक सप्ताह में माठिया बाबा पुरानी इटारसी, अवाम नगर, सांकलिया पुल से रेलवे पुल, न्यास कालोनी बायपास, मेहरागांव की पहाड़ी नदी, रेलवे पुल नयायार्ड, बूढ़ी माता मंदिर के पीछे, सोनांसावरी गांव के पास। ऐसे स्थानों पर जलसंरक्षण की संभावनाएं तलाशीं गईं। ग्रुप के सदस्य शिवकिशोर रावत, कन्हैया गुरयानी, साजिद मलिक, राजेश सोनकर, अजय राजपूत, बीबी गांधी आदि ने जल संरचनाओं का निरीक्षण किया है तो यज्ञदत्त गौर, मंगेश यादव, अखिल दुबे और अन्य सदस्य पौधेरोपण व अन्य तैयारियों सहित संसाधन जुटाने का काम कर रहे हैं।
वाट्सअप के जरिए आए कई सुझाव
वाट्सअप के जरिए कई अच्छे सुझाव आए जिन पर अमल भी प्रारंभ किया गया। ऐसे ही एक सुझाव पर शुक्रवार को एक दर्जन सदस्यों ने औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शासकीय तालाब का निरीक्षण किया। यह तालाब एक ऐसा जलभराव वाला क्षेत्र है, जो अब तक शहर के ज्यादातर लोगों की पहुंच और जानकारी से भी अछूता है। जब टीम के सदस्यों ने यहां जाकर देखा तो पाया कि तालाब में हजारों की संख्या में कमल के फूल खिल रहे हैं और इसके इर्दगिर्द बड़ी संख्या में पक्षी भी आ रहे हैं। यहां की शीतल हवाओं ने ग्रुप के सदस्यों को यहीं से अपने कार्यक्रम को परिणाम देने का श्रीगणेश किया। चूंकि कमल को माता लक्ष्मी का आसान माना जाता है, अत: इसी स्थान से शुक्रवार को जल अभियान की सांकेतिक शुरुआत की गई। करीब एक दर्जन सदस्यों ने खेड़ा से ही गेंती-फावड़ा, तगाड़ी आदि का इंतजाम करके श्रमदान प्रारंभ किया। नर्मदांचल जल अभियान समिति के सूत्रधारों में शामिल अजय राजपूत ने बताया कि समिति कैसे काम करेगी।
तालाब में सांकेतिक श्रमदान
श्री राजपूत ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से हमें एक सदस्य किशोर यादव ने इस तालाब की जानकारी दी और बताया कि यह तालाब लंबे समय से उपेक्षित है। उन्होंने जनता से, प्रशासन से और नर्मदांचल जल अभियान समिति के सदस्यों से आग्रह किया है कि वे ऐसे कार्यों में अपना योगदान दें, श्रमदान करें ताकि हम अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकें। शुक्रवार को खेड़ा तालाब पर किशोर यादव, आकाश यादव, वीर यादव, भारतभूषण गांधी, अजय राजपूत, संजय मनवारे, लखन कश्यप, वीरू बाथरी सहित खेड़ा के भी कुछ युवकों ने श्रमदान किया। जल्द ही योजना बनाकर यहां वृहद स्तर पर सफाई, गहरीकरण अभियान कर इस जलस्रोत को बचाने की मुहिम चलायी जाएगी। समिति के सदस्य मनीष ठाकुर ने बताया कि जल्द ही समान विचारधारा के लोगों की एक बैठक करके अभियान को गति देने का कार्य किया जाएगा।

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