इटारसी। अच्छी बारिश के साथ ही इस सीजन पर खेतों में फसल भी अच्छी हुई है। हर वर्ष किसान के सपने बढ़ती फसल के साथ पलते हैं। लेकिन, इस वर्ष की अच्छी फसल भी किसानों को सपने नहीं देखने दे रही है। किसान ने पिछले तीन-चार वर्ष को बोझ लेकर भारी मन से मेहनत की है। उसकी यह मेहतन बीते वर्षों में लिये कर्ज में चली जाएगी और आंखों में फिर सपने ही रह जाएंगे।
किसानों के भी सपने होते हैं। लेकिन, ये सपने हमारे सपनों से थोड़ा अलग होते हैं। हर फसल के लिए देहतोड़ मेहनत करके किसान सपने देखता है और बढ़ती फसल के रूप में सपने पलते हैं। इस वर्ष अच्छी फसल हुई है, सपने भी बहुत हैं, क्योंकि तीन वर्ष से एक भी सपना पूरा नहीं हो सका है। हर साल की तरह अच्छी फसल होने का सपना संजोये इन किसानों ने कई अरमान पाल रखे थे। किसी को बिटिया की शादी करनी थी, किसी को बूढ़े माता-पिता का इलाज कराना था, कोई टूटे मकान की मरम्मत करना चाह रहा था तो कोई हल के स्थान पर ट्रैक्टर खरीदना चाहता था। सबके अपने-अपने सपने थे। इस बार की फसल भी अच्छी है। देहतोड़ मेहनत के बल पर फसल तो बहुत अच्छी हुयी, मगर सपने तो शायद सपने ही होकर रह जाएंगे। क्षेत्र के ज्यादातर किसानों को महाजनों के उस कर्ज की चिंता है, जो पिछले तीन-चार वर्ष से फसल खराब होने के कारण लिया है। सपना चकनाचूर हो गया। चिंता है तो कर्ज के भुगतान की और भविष्य की। ग्राम भीलाखेड़ी के किसान मनोज चौधरी एवं अशोक चौधरी बताते हैं कि इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है और उम्मीद है कि धान भी बहुत अच्छी होगी। यदि ऐसा होता है तो हम सबसे पहले वह कर्ज चुकाएंगे जो बीते वर्षों में लिया है।
यानी, फसल भले ही अच्छी हो पर सपने तार-तार हो गए। कर्ज सिर पर है, बच्चों की तरह अपनी फसल, पौधों की देखरेख की है, उन्हें दुलारा है। पौधों में आए फल देखकर पिछले साल के दुख-दर्द भूल रहे हैं। सपने भले ही पूरे न हों, सुकून तो रहेगा कि कर्ज चुकता कर दिया। सिर से बोझा उतरेगा और मन भी हल्का हो जाएगा। ग्राम घुघवासा के किसान बृजेश पटेल कहते हैं कि पिछले दो वर्षों में नफा तो नहीं नुकसान ही हुआ है। इस बार अच्छी स्थिति है। धान को अंतिम समय तक पानी की जरूरत होती है, इसलिए अभी भी चिंता पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। लेकिन उम्मीद है कि इस वर्ष उत्पादन अच्छा होगा। बैंगनिया के किसान अरुण पटेल का मानना है कि बारिश अच्छी हो रही है। हम अपने वे बड़े कार्य पूरे कर पाएंगे जो बीते दो वर्षों में नहीं कर सके थे। मेहरागांव के शिवजी भाई ने बताया कि उनका ट्रेक्टर काफी पुराना है और खराब स्थिति में है। इस बार की फसल में उसे बदलकर नया लेने का सपना देखा है।
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सपने पूरे करने से पहले कर्ज की चिंता है किसानों को
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