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सरदार पटेल प्राशा का पुराना भवन गिरा

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इटारसी। पुरानी इटारसी क्षेत्र के सरदार पटेल प्राथमिक शाला का पुराना भवन शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे अचानक गिर गया। घटना के वक्त साइड में बने पक्के भवन में स्कूल संचालित हो रहा था और करीब 42 बच्चे मौजूद थे। स्कूल भवन कच्चा और कई सालों पुराना था। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
जर्जर भवन मालिकों को भवन खाली करने के नोटिस देने तक सीमित नगर पालिका के भवन शाखा में कितनी लापरवाही होती है, इसे शुक्रवार को सुबह गिरे सरदार पटेल प्राथमिक शाला के भवन ने उजागर कर दिया। अक्सर भवन गिरने के वक्त नगर पालिको के जिम्मेदार अधिकारियों का बयान होता है कि भवन में लोग रह रहे थे, इसलिए हम उसे गिरा नहीं सकते थे। लेकिन, खाली भवन भी गिराने में नगर पालिका रुचि नहीं लेती है, यह इस भवन ने साबित कर दिया। नगर पालिका के जिम्मेदार इतने लापरवाह है कि किसी की जान की परवाह भी नहीं करते हैं। पुरानी इटारसी में आज जो भवन गिरा है, उसके विषय में स्कूल प्रबंधन ने 27 फरवरी 2017 को ही नगर पालिका को लिखित सूचना दे दी थी। भवन खाली था और जर्जर होकर गिरने की आशंका जताते हुए प्रभारी प्रधान पाठक ने नगर पालिका को पत्र लिखकर अवगत कराके इसे गिराने का निवेदन किया था। लेकिन नगर पालिका के लापरवाहों ने इस चिट्ठी को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। प्रभारी प्रधान पाठक सुशीला सोनी ने बताया कि चिट्ठी लिखी जा चुकी थी। लेकिन, कोई नहीं आया। आज घटना के बाद नगर पालिका ने जेसीबी भेजी थी।
स्कूल प्रबंधन ने दो वर्ष पूर्व लिखी इस चिट्ठी में कहा था कि दो पुराने कमरे और बरामदा भी क्षतिग्रस्त है जिसके कारण कुछ भी घटना हो सकती है। कृपा कर भवन को सुधरवाने या नया बनवाने की कृपा करें। साथ ही दो नये कमरों में भी पानी बरसात में टपकता है जिससे बच्चों को बैठने में परेशानी होती है। इनमें सुधार की मांग की गई थी। बाउंड्रीवाल की ऊंचाई बढ़ाने को भी पत्र में लिखा था। अब भवन तो बारिश की मार में गिर गया। शेष मांगों पर ही नगर पालिका ध्यान दे दे तो शायद आगामी समय में घटना से बचाव हो सकेगा।
स्कूल में पढऩे वाले बच्चों और स्टाफ का यह सौभाग्य रहा कि दीवार आज तब गिरी जब बच्चे पक्के भवन में बैठकर पढ़ रहे थे। यदि यह हादसा पंद्रह अगस्त को होता तो बच्चों और स्टाफ की जान पर बन आती, क्योंकि उस वक्त इसी भवन के साथ लगे मैदान में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था। इस दौरान बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता था। अब भी वक्त है, नगर पालिका के जिम्मेदारों को शेष कमियों पर विचार कर सुधार करना चाहिए ताकि बच्चों की जिंदगी को खतरे में जाने से बचाया जा सके।

नाला मोहल्ला में भी दीवार गिरी
सनराइज स्कूल के पास सड़क मार्ग पर एक मकान की बड़ी दीवार बारिश की भेंट चढ़ गयी। हालांकि इस घटना से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना रक्षाबंधन की रात की है। निरंतर बारिश के चलते ईंट-गारे से बने मकान गिर रहे हैं। इसी के तहत नाला मोहल्ला में करीब पचास साल पुराना एक मकान की दीवार भी गिर गयी। हादसा रक्षाबंधन पर्व की रात करीब दस बजे हुआ। मकान में कलावती बाई यादव का परिवार रहता है। हादसे के वक्त मकान में ही परिवार था। दीवार साइड में खाली जगह पर गिरी और पड़ोसी सुनील मालवीय की दीवार से भी टकरायी।

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