
सिंधी पंचायत की बैठक में विवाद के बाद कठोर निर्णय
इटारसी। होली मिलन और चैती चांद महोत्सव की रूपरेखा तैयार करने बुलायी पूज्य पंचायत सिंधी समाज की बैठक में विवाद होने के बाद एक सदस्य महेश मिहानी पर पंचायत ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया। अपने खिलाफ हुई कार्रवाई पर महेश मिहानी ने कहा कि उन्होंने सच की आवाज उठायी थी, उनको सच करने से कोई नहीं रोक सकता।
पंचायत पदाधिकारियों ने दोपहर में मीडिया को बुलाकर कार्रवाई की जानकारी दी। पंचायत के अध्यक्ष अशोक लालवानी ने बताया कि समाज की एक बैठक 10 मार्च को होली मिलन और 25 मार्च को चैतीचांद के लिए बुलायी थी। बैठक में महेश मिहानी भी शामिल थे। इस बीच समाज के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि महेश मिहानी अक्सर सोशल मीडिया पर अपने आपको सिंधी समाज का रक्षक कहते हैं, ऐसा कोई पद समाज के संगठन में है क्या? इस पर अध्यक्ष ने महेश मिहानी से जवाब मांगा तो उन्होंने अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया। इसके बाद पंचायत ने उनको सामाजिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया। पूर्व अध्यक्ष मोहन मोरवानी ने कहा कि महेश मिहानी हर वर्ष इस तरह की बैठक में विवाद करके सहयोग नहीं करते हैं। वे समाज के सदस्य तो हैं, लेकिन किसी भी सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते, ऐसा निर्णय पंचायत ने लिया है। इस अवसर पर श्याम शिवदासानी, कैलाश नवलानी, धर्मदास मिहानी भी उपस्थित थे।
अचानक पहुंचे महेश मिहानी
जिस वक्त पंचायत के पदाधिकारी मीडिया से बात कर रहे थे, महेश मिहानी भी वहां पहुंचे और पत्रकार वार्ता पर आपत्ति ली। उन्होंने कहा कि उनकी बात भी सुनी जाये। इस बीच पंचायत अध्यक्ष ने उनको कहा कि, आपके खिलाफ निर्णय हो गया है, आप यहां से बाहर जाईये। इसके बाद महेश मिहानी वहां से निकल गये। बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने तो बैठक में कैलाश नवलानी को उपाध्यक्ष बनाने पर आपत्ति ली थी। उनका कहना है कि कैलाश नवलानी समाज संगठन का चुनाव हार चुका है, उसे उपाध्यक्ष कैसे बना दिया जबकि ऐसा नियम नहीं है। इस पर कुछ लोगों ने विवाद किया और उनके खिलाफ यह निर्णय लिया। श्री मिहानी ने कहा कि पंचायत ने कुछ लोगों के दबाव में यह कार्य किया है, वे ऐसा निर्णय नहीं ले सकते हैं।