लक्ष्य का नया सेवा प्रकल्प सराहनीय कार्य : डॉ. शर्मा
– लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र का काम बेहतर है : छारी
– वृद्धाश्रम बनना दुखद, लेकिन जरूरत बना : चौहान
इटारसी। शहर में शरद पूर्णिमा के दिन से एक और वृद्धाश्रम की शुरुआत हो गयी है। विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने साईं बेकरी क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर संचालित लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र के बाजू में लक्ष्य अपनाघर वृद्धाश्रम का शुभारंभ फीता काटकर किया। कार्यक्रम में सुमन प्रेरणा सेवा समिति द्वारा संचालित लक्ष्य नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के संचालक अमितेश मालवीय और निहारिका मालवीय ने अपने इस नये सेवा प्रकल्प की जानकारी प्रदान की।
संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि बदलते जमाने के साथ आज ज्यादातर युवा अपने बुजुर्गों और माता-पिता का ख्याल नहीं रखते हैं। इस तरह बदलती उनकी सोच हमारे संस्कारों के विपरीत है और हमें जीवन में एक बुरी परिस्थिति में लाकर रख देती है। हमारे देश में जहां माता-पिता को भगवान कहते हैं, सबसे पहले मां-पिता ही भगवान होते हैं, उसके बाद किसी भगवान का नंबर आता है, लेकिन बदलते इस युग में कुछ युवा ऐसे हैं जो बुजुर्गों की सेवा नहीं करते और बुजुर्गों को अपने बुढ़ापे में बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र की सोच सराहनीय है, आने वाले समय में ऐसे बुजुर्गों के लिए यह केन्द्र सहारा बनेगा।
दोपहर में पुलिस अधीक्षक एमएल छारी और टीआई राघवेन्द्र सिंह भी यहां पहुंचे। श्री छारी ने इस अवसर पर कहा कि वे सिर्फ केन्द्र को देखने आए थे। उन्होंने कहा कि लक्ष्य नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र बेहतर काम का रहा है, उनका यह दूसरा सेवा प्रकल्प बेहतर होगा, इसके लिए उनको शुभकामनाएं दीं। एसपी ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है, जिसे समाज को ही मिटाना है। पुलिस की भूमिका इसमें सबसे अंत में आती है। इसका उपाए तो समाज के पास ही है। इस केन्द्र की सेवा अभिनंदनीय, अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रयास होते हैं कि किसी शराबी या नशे में धुत व्यक्ति को थाने न ले जाया जाए। थाने में उसका कोई उपचार नहीं है, उसका उपचार तो अस्पताल या ऐसे पुनर्वास केन्द्रों में है। उन्होंने कहा कि आज जिस परिवेश और संस्कृति में हम जी रहे हैं, लगता है आगामी समय वृद्धाश्रम वाला आने वाला है।
टीआई राघवेन्द्र सिंह चौहान ने लक्ष्य नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र की सराहना करत हुए कहा कि नशा मुक्ति के लिए आपके प्रयास वंदनीय हैं। उन्होंने वृद्धाश्रम जैसी संस्कृति आने पर दुख व्यक्त करते हुए मुंशी प्रेमचंद की रचना बूढ़ी काकी का उदाहरण देते हुए कहा कि कहा कि इनसान को समझना चाहिए कि जो वह अपने माता-पिता के साथ कर रहे हैं, वह आगे उनके बच्चे भी उनके साथ कर सकते हैं। कार्यक्रम में बालकृष्ण गौर और आकाश मसीह ने अतिथिों का स्वागत किया तथा आभार प्रदर्शन लायंस क्लब के अयूब खान ने किया।
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सुमन प्रेरणा सेवा समिति ने शरद पूर्णिमा पर शुरु किया वृद्धाश्रम
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