इटारसी। अधिक बारिश से अब खरीफ मौसम की प्रमुख फसल धान में भी विभिन्न प्रकार के रोग लगना शुरु हो गये हैं जिसमें मुख्य रूप से जड़ महू और शीत ब्लास्ट का रोग है जो फसल को नष्ट कर देता है जिससे फसलों को बचाने के लिए किसान रसायनिक दवाओं का उपयोग करेंगे।
जिस प्रकार इनसान जितना सुविधाभोगी हो रहा है, उतना ही बीमारी से भी ग्रस्त हो रहा है। ठीक इसी प्रकार फसलें भी जितनी आधुनिक सुविधाओं के साथ पैदा की जा रही है उतनी रोग ग्रस्त भी हो जाती है और समय-समय पर इन फसलों को भी मौसम के अनुसार दवाओं का डोज देना पड़ा है जिसका सीधा उदाहरण वर्तमान खरीफ मौसम की प्रमुख फसल धान में दिखाई दे रहा है जो इन दिनों में खेतों में लहलहा रही है। इस लहलहाती फसल को भी कीटनाशक दवाओं की आवश्यकता है। इस संदर्भ में एक युवा किसान मनीष चौधरी ने बताया कि पिछले एक माह से हो रही निरंतर बारिश के कारण जिन खेतों में अधिक जल भराव है उन खेतों में लगी धान में जड़ महू की बीमारी हो जाएगी और कुछ में तो हो भी गयी है। इसके अलावा जिन खेतों में अभी बारिश के दौरान फसल ठीक है वहां बारिश समाप्त होते ही शीत ब्लास्ट जैसी बीमारी का खतरा बना हुआ है। धान की फसल पर उपरोक्त बीमारियों के खतरे के मद्देनजर कीटनाशक व रोगनाशक दवाओं का क्रय-विक्रय पेस्टीसाइट्स की दुकानों में जमकर हो रहा है।