इटारसी। मानव लोक में बढ़ते अधर्म, अत्याचार को रोक पाने में जब मानवीय शक्ति असहाय और असमर्थ हो जाती है तब ईश्वरीय शक्ति मानव रूप में प्रकट होती है। उक्त अध्यात्मिक उद्गार नर्मदांचल के कथा मर्मज्ञ आचार्य पंडित जगदीश पांडेय ने व्यक्त किये।
ग्राम धौंखेड़ा रोड स्थित प्रिंस गार्डन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। सामाजिक कार्यकर्ता अमृतलाल पटेल की स्मृति में आयोजित संगीतमय भागवत कथा समारोह में व्यास गादी से कथा का विस्तार देते हुए पंडित जगदीश पांडेय ने कहा कि संसार में आये सभी जन को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए परमात्मा के द्वारा स्थापित धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और अधर्म से दूर रहना चाहिए। लेकिन कुछ मानव धनबल व बाहुबल की अपार शक्ति पाकर अहंकारवश अधर्मी हो जाते हैं और धर्म को ही चुनौती देने लगते हैं। इस अधर्म रूपी चुनौती के सामने जब मानवीय शक्ति असहाय हो जाती है तो जब प्रभु परमात्मा अपनी ईश्वरी शक्ति को मानव रूप में प्रकट करते हैं। जैसे त्रेता में श्रीराम एवं द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में ईश्वरीय शक्ति प्रकट हुई और सांसारिक लीलाओं के माध्यम से अधर्म का विनाश कर धर्म की रक्षा की। चौथे दिन कथा में आचार्य पांडेय ने श्रोताओं को श्रीराम अवतार का सारांश संक्षिप्त में बताया और जब वे श्रीकृष्ण का प्रसंग सुना रहे थे तो बादलों की गर्जना के साथ बारिश भी हुई। इन्हीं गरजती घटाओं व बरसते पानी के मध्य श्रीकृष्ण जन्मोत्सव झांकी के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर संगीतकार पंडित हरिनारायण दुबे के नेतृत्व में भजनकार अभय पांडेय, देवेन्द्र दुबे एवे राकेश दुबे ने मधुर संगीत की धुन पर भजन सुनाये। मुख्य यजमान विनोद मिश्रीलाल पटेल ने भगवान श्री बालकृष्ण की पूजा-अर्चना की।