अनूठा नवाचार : बायपास से गुजरने पर, नहीं आएगी कचरे की बदबू

कचरे का पहाड़ खत्म, हरियाली की शुरुआत
हरी घास के नीचे बड़ी मात्रा में बनेगी खाद
इटारसी। न्यास कालोनी बायपास से गुजरने पर अब कचरे की बदबू नहीं आएगी। नपा ने यहां से कचरे का पहाड़ खत्म करके इस स्थान को हरा-भरा बनाने की शुरुआत कर दी है। कभी इस स्थान से गुजरने पर नाक पर रूमाल रखने को मजबूर होना पड़ता था, लेकिन अब यही स्थान पहचाना नहीं जा रहा है। नपा के इस नवाचार से शहर को अनेक फायदे होने वाले हैं। एक तो कचरा खत्म होकर सौंदर्यीकरण हो रहा है, दूसरा कचरे से आसपास रहने वाले ओझा बस्ती के लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है। तीसरा फायदा यह होगा कि यहां खाद बनाने की शुरुआत हो गई है और यह खाद बेचकर नपा को आर्थिक लाभ भी होने वाला है।
नगर पालिका ने न्यास कालोनी बायपास से कचरे का पहाड़ हटाकर उसके स्थान पर सौंदर्यीकरण कार्य प्रारंभ कर दिया है, प्रायोगिक तौर पर गुजरात की संस्था रामचंद्र सी पटेल बड़ोदरा को कुछ हिस्से में कारपेट ग्रास बिछाने का काम दिया है। इसमें सफलता मिलने पर बड़े स्तर पर यह कार्य कराया जाएगा। आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला, विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल और स्वच्छता समिति के सभापति राकेश जाधव ने कचरा डंपिंग स्थल पर जाकर काम देखा। सीएमओ ने आगामी चार दिन में बड़े हिस्से में घास बिछाने का आदेश दिया है।

बड़ी शिकायत थी
दरअसल, नगर पालिका में सबसे अधिक शिकायतें इसी कचरा डंपिंग स्थल के लिए आती थीं। न्यास कालोनी के अलावा आयकर कालोनी, शिक्षक नगर, पत्रकार कालोनी, सोनासांवरी नाका क्षेत्र के लोगों को इस कचरे के पहाड़ से बदबू की शिकायत थी तो शरारती तत्वों द्वारा आग लगायी जाने से आसपास के क्षेत्र का पर्यावरण बिगड़ रहा था। बड़े हिस्से के लोग परेशान थे। अब यह परेशानी भी खत्म होना शुरु हो गई है।

मार्निंग वॉक बंद हुई
जब यह रोड बनकर तैयार हुई थी तो शहर के लोगों को सुबह की सैर के लिए सबसे मुफीद जगह लगी और सैंकड़ों लोगों ने यहां मार्निंग वॉक प्रारंभ भी कर दी थी। उस वक्त यहां कचरे की मात्रा काफी कम थी, लेकिन धीरे-धीरे हालात खराब होते गए और लोगों की शिकायतें सामने आने लगी। लोगों ने कचरे की बदबू से परेशान होकर सुबह की सैर तक बंद कर दी थी, स्थिति यह है कि आज से ही सैर शुरु हो सकती है।

ये होगा आगे
कारपेट ग्रास के नीचे जो कचरा है, वह खाद के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। यहां घास के नीचे बड़ी मात्रा में कचरा दबाकर उसे खाद में बदलने वाला तत्व मिलाया जा रहा है। खास बात यह है कि छह माह की अवधि में कचरा जब खाद में बदल जाएगा तो नपा इसे बेचकर राजस्व अर्जित कर सकेगी वहीं यहां की कारपेट ग्रास हटाकर उसे अन्य जगह पर भी शिफ्ट करके यही प्रयोग दोहराया जा सकता है।

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