होशंगाबाद। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय (Narmada College) होशंगाबाद के वाणिज्य विभाग द्वारा आत्मनिर्भर भारत- बोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय वर्चुअल सेमीनार (International virtual seminar) का आयोजन को किया गया। इस वर्चुअल सेमीनार (International virtual seminar) में देश-विदेश के ख्यातिमान, विद्वान अपने विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डा. ओ.एन. चौबे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मारीशस से राज हीरामन ने स्वदेशी का दूसरा अर्थ ही आत्मनिर्भरता है तथा उन्होंने गांधी जी ( Gandhi Ji) के कुटीर उद्योगों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जतायी।
नार्वे से सुरेश चन्द्र शुक्ल ने कहा कि हमें अपनी शक्तियों को पहिचानने की आवश्यकता है आपने एक नन्ही-सी गुंजन चिड़िया द्वारा जंगल की आग बुझाने का उदाहरण देते हुये बताया कि देश का प्रत्येक व्यक्ति अपना दायित्व निभाये तो आत्मनिर्भरता प्राप्त करना अत्यंत आसान होगा। कोटा राजस्थान से डा. पी.के. शर्मा ने कहा सबसे अधिक रोजगार के साधन गांवों में ही हैं, उन्होंने ग्राम विकास की आवश्यकता पर बल दिया। पुणे महाराष्ट्र से डा. विकास इनामदार नेे कहा कि 20 मई, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत की गयी इस हेतु हमें अर्थव्यवस्था अवसंरचना प्रणाली तथा युवावाद की नीति पर कार्य करना होगा।
डा. एल.एन. कोली, आगरा उत्तरप्रदेश ने कहा व्यवसाय, कीमत और आर्थिक कीमत दोनों की तुलना करके ही हम आत्मनिर्भर भारत की कल्पना कर सकते हैं। भोपाल मध्यप्रदेश से डा. राजेश श्रीवास्तव ने कहा आने वाला समय आर्थिक रूप से बहुत कठिन हो सकता है इसलिये हमारे प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत की है। उन्होंने कौशल विकास की ओर भी हमारे बच्चों को प्रेरित करने की आवश्यकता जतायी। बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से डा. पवन मिश्रा, शा.गृह विज्ञान महाविद्यालय, होशंगाबाद की प्रचार्य डा. कामिनी जैन ने हिस्सा लिया।
अन्तर्राष्ट्रीय वर्चुअल सेमीनार के संयोजक डा. एस.सी. हर्णे ने जानकारी देते हुये बताया कि सेमीनार (International virtual seminar)में 2008-प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया था। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब पर दोपहरण 1 बजे से सम्पन्न कराया गया। अन्तर्राष्ट्रीय वर्चुअल सेमीनार (International virtual seminar)को आयोजित कराने में डा. आर.एस. बोहरे, डा. प्रीति आनंद उदयपुरे, डा. मीना कीर, डा. दिनेश श्रीवास्तव, डा. केशव मिश्रा, डा. योगेश खण्डेलवाल, प्रतीत गौर, श्रीमती नीता वर्मा एवं श्रीमती चेतना पंवार आदि ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।