इटारसी। 4 अगस्त को रोटी बैंक में सेवा के डेढ़ वर्ष हो जाएंगे। इन डेढ़ वर्ष की अवधि में रोटी बैंक ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। केवल सदस्यों के आर्थिक सहयोग से अनवरत चल रहे रोटी बैंक में अर्थ अभाव में भी सेवा कार्य जारी है। इसमें जुटे सेवादारों बिना विचलित हुए इस कार्य को आगे बढ़ाया है और कभी इसे बंद नहीं होने दिया। 4 मार्च 2016 से प्रारंभ यह कार्य सदस्यों के निस्वार्थ भाव से लगातार आगे बढ़ रहा है।
सोशल मीडिया ग्रुप अपनी इटारसी चेटिंग के साथ ही सामाजिक कार्यों को भी बखुबी अंजाम दे रहा है। ग्रुप ने रोटी बैंक शुरु है, जिसमें रोटियां एकत्र कर गरीब, बुजुर्गो को प्रदान की जाती है। ग्रुप सदस्य रोजाना रात को रोटियों और सब्जी का वितरण करता है। लगातार तीन माह से बिना रुके ये काम जारी है।
गरीबों का सहारा बना
सोशल मीडिया ग्रुप अपनी इटारसी द्वारा रेलवे स्टेशन परिसर में संचालित रोटी बैंक भूख से जूझते गरीब और बुजुर्गों के लिए एक बड़ा सहारा बन गया है। अपने शहर में कोई गरीब रात को भूखा न सोए, जैसी भावना लेकर अपनी इटारसी ग्रुप ने डेढ़ वर्ष पूर्व रोटी बैंक शुरु किया था। ग्रुप के सदस्य स्वयं और समाज के कुछ लोगों के सहयोग से रोटी बैंक संचालित कर रहे हैं। शुरुआत में ग्रुप के हरेक सदस्य ने अपने घर से दो से चार रोटी लाकर रेलवे स्टेशन के बाहर बैठे गरीब बुजुर्गों, बच्चों और बेरोजगार युवाओं को रोटी और सब्जी बांटना शुरू किया। यह खाना शाम के समय उन गरीबों को बांट दिया जाता है जो भूखे सोते हैं। वक्त गुजरने के साथ सहयोग करने वालों की संख्या बढ़ी। पहले कुछ लोगों का पेट भरता था, अब रोटी बैंक से पेट भरने वालों की संख्या दो से ढाई सौ तक पहुंच गई है। बढ़ती संख्या के कारण कुछ आर्थिक संकट भी आने लगा है, लेकिन किसी तरह से सदस्य पैसों का प्रबंध करके इसे संचालित कर रहे हैं।