अभियान : बच्चों को भीख न दें, पढ़ाई में करें सहयोग

इटारसी। नव अभ्युदय संस्था ने बच्चों को भीख मांगने से रोकने के बाद उनको स्कूल भेजने का अभियान चलाया है। इस वर्ष उनका लक्ष्य है कि कम से कम दस बच्चे शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में दाखिला लें। संस्था के सदस्य सब्जी मंडी, चौपाटी व बाजार में अन्य स्थानों पर दुकानदारों से निवेदन कर रहे हैं कि वे बच्चों को भीख न देकर उनके इस अभियान में सहयोग करें।
नवअभ्युदय संस्था पिछले एक माह से बाजार क्षेत्र, सब्जी मंडी, फल बाजार, चौपाटी में जाकर दुकानदारों से निवेदन कर रही है कि जो बच्चे भीख मांगने आते हैं, उनको न तो किसी प्रकार की खाने की चीजें दें और ना ही पैसा दें। सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सिंह के नेतृत्व में संस्था के सदस्य बाजार में जाकर दुकानदारों से निवेदन कर रहे हैं। सुमन सिंह का कहना है कि उनका टारगेट इस बार ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल भेजने का है। इस साल लगभग 10 बच्चे नया दाखिला लेंगे। इन बच्चों के प्राइवेट स्कूल्स में शिक्षा का अधिकार के तहत आवेदन भी किया है। लगभग 14 से 15 बच्चों का आदिवासी छात्रावास में प्रवेश के लिए भी आवेदन किये गए हंै। इनके शिक्षा का स्तर सुधरे इसके लिए इन बच्चों के अंदर मांगने की प्रवति को ख़त्म करना होगा। क्योंकि इन बच्चों के मां-बाप या तो सौतेले हंै या दारु पीने वाले हैं, जब ये देखते है कि बच्चा जैसे तैसे खा लेता है वो उसकी चिंता ख़त्म कर देते हंै और खुद जो भी कमाते हैं वो खुद के ही ऊपर ख़र्च कर देते हंै। जब ये देखेंगे कि बाजार क्षेत्र में मांगने पर कुछ नहीं मिल रहा तो खुद भी दारू पीना कम करेंगे और बच्चों की जिम्मेदारी भी उठाएंगे। बच्चों को जब तरह-तरह की चीजें बाजार में यूं ही खाने को मिल जाती है तो उनको स्कूल का मिड डे मील अच्छा नहीं लगता और जो पैसे उनको मिल जाते हैं उनसे वो तंबाकू खरीद लेते हंै। उनका कहना है कि इस अभियान में अभी तक लगभग 80 प्रतिशत सफलता मिली है कि बच्चों का बाजार में मांगना कम हुआ है। लोगों का सहयोग हमको मिल रहा है और आगे भी मिलेगा तो शत प्रतिशत सफलता मिल सकती है।

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