अर्थवर्क ही पूर्ण नहीं, 8 माह में कैसे पूर्ण होगी फोरलेन

इटारसी। बैतूल-इटारसी फोरलेन के दोबारा टेंडर होने के बाद नई ठेका कंपनी डेढ़ साल बाद भी अर्थवर्क भी नहीं कर पाई है। तो ऐसे में आठ माह में 72 किलोमीटर की सड़क कैसे बन पाएगी?
बैतूल-इटारसी फोरलेन के दोबारा टेंडर होने के बाद नई ठेका कंपनी डेढ़ साल बाद भी अर्थवर्क भी नहीं कर पाई है। तो ऐसे में अगले आठ माह में 72 किलोमीटर फोरलेन कैसे पूरा बन पाएगा। दोबारा ठेका होने के बाद दूसरी कंपनी डेढ़ साल बीतने के बाद भी अर्थवर्क करने का काम पूरा नहीं कर पाई है। कई जगह किश्तों में चल रहा है कंपनी का काम, लेकिन काम की अपेक्षित गति नहीं है।
बता दें कि एनएचएआई ने काम कर रही जितेन्द्र सिंह एंड कंपनी को फरवरी 2020 तक काम पूरा करने संबंधी नोटिस तो दिया है, लेकिन इस नोटिस से भी कंपनी के काम में कोई उल्लेखनीय रफ्तार नहीं आई है। री-टेंडरिंग करने के बावजूद काम में की गति में सुधार नहीं हुआ। फरवरी माह में करीब आठ माह का वक्त शेष है, ऐसे में यदि काम पूरा नहीं होता है तो एक बार फिर वही नोटिस देना, पेनाल्टी या फिर सरकारी कंपनी के काम से संतुष्ट नहीं हुई तो री-टेंडर की स्थिति बन सकती है।
उल्लेखनीय है कि एनएचएआई ने 2011 में 121.35 किलोमीटर लंबे औबेदुल्लागंज-बैतूल फोरलेन के टेंडर निकाले थे। 2013 में ट्रांसटॉय कंपनी ने काम शुरू किया, लेकिन बेहद सुस्त चाल से काम किया। 2016 अक्टूबर तक केवल 4 किलोमीटर सड़क का काम पूरा हो पाया। इस कारण एनएचएआई ने ट्रांसटॉय कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया। इसके बाद पूरे प्रोजेक्ट को दो भागों में बांटा गया। इटारसी से सोनाघाटी तक का 72 किलोमीटर सड़क का ठेका जितेन्द्र सिंह एंड कंपनी को दिया था। यह काम 600 करोड़ की लागत से होना है, लेकिन कंपनी के कार्य की गति देखकर लगता नहीं कि कंपनी को मिली समय अवधि में यह काम पूर्ण हो पाएगा।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!