असंतोष चरम पर, नर्मदा तट पर मुंडन कराया

इटारसी। पिछले दो दश्कों से प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वान नियमितिकरण की मांग लेकर भोपाल जा रहे हैं। शनिवार को सैंकड़ों की संख्या में नर्मदा तट पर आए अतिथि विद्वानों में से कई ने मुंडन कराया और इसके बाद यहां से भोपाल की ओर कूच किया। ये अतिथि विद्वान पैदल ही भोपाल जा रहे हैं।
इस दौरान अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के आयोजक डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि कांग्रेस सरकार का गठन हुए एक वर्ष बीत चुका है किन्तु आज तक मुख्यमंत्री कमलनाथ, विभागीय मंत्री जीतू पटवारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नियुक्ति का मामला उच्च न्यायलय में होने के बाद भी आनन फानन में लगभग 850 लोगों को नियुक्ति पत्र उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी कर दिए हैं, इससे इतने ही अतिथि विद्वान स्वमेव सेवा से बाहर हो गए हंै। जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी लगातार यह आश्वासन देते चले आ रहे थे कि कोई भी अतिथि विद्वान इन नियुक्तियों के बाद भी बाहर नहीं होगा। अब तक सरकार का यह दावा भी वचन पत्र के समान ही खोखला प्रतीत हो रहा है। संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि सरकार ने नियमितीकरण के नाम पर केवल मौखिक आश्वासन ही दिया है। जबकि सहायक प्राध्यापक भर्ती को सबसे बड़ा घोटाला करार देने वाले कमलनाथ में उन तथाकथित चयनितों को नियुक्तिपत्र भी जारी करके अतिथि विद्वानों के भविष्य पर कुठाराघात किया है। होशंगाबाद में नर्मदा तट पर लगभग आधा सैकड़ा अतिथि विद्वानों ने मुंडन कराकर वचन पूरा करने पर सरकार की नाकामी मीडिया के सामने रखी।

सरकार से मांगी इच्छामृत्यु
मोर्चा के डॉ जेपीए चौहान व डॉ आशीष पांडेय का कहना है कि प्रदेश भर में लगभग 5200 अतिथि विद्वान विभिन्न महाविद्यालयों में शासन द्वारा पदस्थ किये गए हंै। जिनमें से अधिकांश उच्च शैक्षणिक योग्यता रखते हुए लगभग दो दशकों से अध्यापन कार्य मे संलग्न है। अपने जीवन के बहुमूल्य 20 वर्ष देते हुए ओवर ऐज हो चुके ये विद्वान यदि सरकार की गलत नीति के कारण आज सेवा से बाहर होते हैं तो उनके परिवार के सामने भूखों मरने तक कि नौबत आ जायेगी। अपने भविष्य को बर्बाद होते देख सैकडों अतिथि विद्वानों ने सरकार से इक्षामृत्यु तक कि मांग कर डाली है।

833 की रोजी-रोटी पर संकट
मध्यप्रदेश अस्थाई प्राध्यापक संघ के बैनर तले प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 5200 अतिथि विद्वानों में 833 की बीती रात एक बटन दबते ही रोजी-रोटी चली गई है। शनिवार को अतिथि विद्वानों ने सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर नर्मदा घाट पर मुंडन कराया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर भोपाल की तरफ की कूच किया। अतिथि विद्वानों का कहना है कि आधी उम्र बीत जाने के बाद सरकार ने हमें बेरोजगार कर दिया है। सरकार ने हमें हटाकर पीएससी चयनित उम्मीद्वारों को नौकरी पर रख लिया है, सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे होने के बाद भी हम अपने आप को ठगे महसूस कर रहे हैं। मप्र अतिथि शिक्षक संगठन समिति के होशंगाबाद जिलाध्यक्ष नरेश चौहान ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने एक साल पहले चुनाव के समय अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन सरकार अतिथि विद्वानों को उनके पद से हटा रही है हमारी मांग है कि अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाए।

पैदल रैली निकालकर पहुंचे सेठानी घाट
मीनाक्षी चौक से नर्मदा महाविद्यायल होते हुए प्रदेश भर से आए अथिति विद्वान पैदल रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए सेठानी घाट पहुंचे। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकारें बदली मगर अतिथि विद्वानों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। मुख्यमंत्री कमलनाथ और शिक्षा विभाग मंत्री जीतू पटवारी ने इस और ध्यान देना उचित नहीं समझा। लगभग 850 लोगों को नियुक्ति पत्र उच्च शिक्षा विभाग ने जारी कर दिए जिससे इतने ही अतिथि विद्वान स्वमेव सेवा से बाहर हो गए। इस दौरान अतिथि विद्वानों से मिलने कांग्रेस जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार सहित अन्य कांग्रेसी आए एवं अतिथि विद्वानों को आश्वासन दिया कि हम आपकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।

इन्होंने कराया मुंडन
डॉ. सुरजीत भदौरिया ग्वालियर, डॉ. गुलाब मेवाड़ा शुजालपुर, डॉ. देवेन्द्र मालवीय सीहोर, डॉ. विष्णु गुप्ता दमोह, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह गुना, डॉ. रामेश्वर सिंह डिंडोरी, डॉ. फूलचंद्र अहिरवार टीकमगढ़, डॉ. विमल कुमार कौशले डिंडोरी, डॉ. प्रतिभान छतरपुर, डॉ. किशोर कुमार विश्वकर्मा शुजालपुर, डॉ. संतोष कुमार सोनी अनूपपुर, डॉ.विश्वनाथ विश्मकर्मा छतरपुर, डॉ. भूप सिंह यादव मुरैना, डॉ. रकीब अहमद विदिशा, डॉ. अरूनेंद्र कुमार त्यागी छतरपुर, डॉ. प्रशांत वर्मा दतिया, डॉ. धीरज अग्रवाल दतिया, डॉ. मुकेश यादव अनूपपुर, डॉ. निपेन्द्र सिंह सीधी, डॉ. मनीष प्रजापति औबेदुल्लागंज।

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