आखिर पार्क में क्यों पहुंची पुलिस ?

इटारसी। सवाल थोड़ा अचरज भरा है। क्योंकि पुलिस पार्क में नहीं जा सकती है, ऐसा भी नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस हर जगह जा सकती है। लेकिन जब बीती रात पुलिस पार्क में पहुंची तो लोगों को अचरज हुआ। कारण यह था कि पुलिस हर रोज नहीं पहुंचती है। केवल कोई घटना हो जाए तो खुद को सक्रिय दिखाने के लिए कुछ दिनों के लिए पुलिस पार्क में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है, फिर लापता हो जाती है। दरअसल, अभी कुछ दिन पूर्व कुछ युवाओं के एक ग्रुप ने रात करीब 10 बजे पार्क में डंडे लेकर आतंक मचाया था। ये लोग दूसरे किसी गुट के लोगों को मारने आए थे। एकसाथ करीब एक दर्जन युवाओं के हाथों में लाठी और मुंह से निकलती गालियां सुनकर पार्क में सैर करने आयी महिलाएं घबराकर पार्क से बाहर आ गईं। नगर पालिका ने पार्क में जिस सुरक्षा एजेंसी के गार्ड लगाए हैं, वे इतने बुजुर्ग हैं कि खुद को नहीं संभाल सकते तो इन युवाओं को कैसे संभालेंगे। उनके पास मोबाइल की सुविधा भी नहीं कि वे पुलिस को फोन करके बुला लें। पार्क में घूमने वालों ने ही पुलिस को फोन किया और एसडीओपी अनिल शर्मा ने तत्काल पुलिस भेजी। उन्होंने पार्क में नियमित तौर पर पुलिस भेजने का भरोसा भी दिलाया। उसी का परिणाम है कि पार्क में पुलिस पहुंची थी। इसी तरह से एसपी अरविंद सक्सेना खुद भी मैदान में काम करने के आदी हैं, तो वे अपने मातहतों से भी मैदान में पूरी सक्रियता की उम्मीद रखते हैं। उनके मार्गदर्शन में कोई पुलिस काम करे, न करे, इटारसी पुलिस तो एक्शन मोड में आ गई है। सिटी पुलिस होटलों, ढाबों, बाजार, पार्क में लगातार गश्त कर रही है तथा पैदल मार्च जारी है। अवैध शराब, जुआ जैसे कारोबार पर प्रहार हो रहा है। दीपावली का त्योहार शांति से निकल गया और इसके लिए शहर के कुछ लोग पुलिस और नगर प्रशासन का सम्मान करने की योजना भी बना रहे हैं। कुल जमा बात यह है कि पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाई है और अब तक चोरी छिपे हो रहे अपराधों की जानकारी नहीं मिलती थी, अब अपराध हो रहे हैं तो पकड़ में भी आ रहे हैं।

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