आज के दौर में लोगों को हंसाना सबसे कठिन काम है : किशोर भानुसाली
बॉलिवुड के जूनियर देवआनंद से खास चर्चा
इटारसी। एक्टिंग के जरिए लोगों को हंसाने का काम बॉलिवुड में वर्षों से किया जाता है। हास्य कलाकारों की अपनी-अपनी अदा होती है, पहले कोई गिर जाता था, लोग हंस देते थे, टुनटुन इतनी मोटी थीं कि उनको देखकर ही लोग हंस देते थे, अब वो समय नहीं रहा। आज कॉमेडी के लिए रायटर अच्छा हो तो कलाकार भी वैसे ही होना चाहिए। पहले मेहमूद साहब, टुनटुन और कई ऐसे नामी कलाकार थे, फिर एक दौर आया जिसमें गोविंदा, राजपाल यादव और अक्षय कुमार जैसे कलाकार बहुत अच्छी कॉमेडी करते हैं। अब ऑडियंस भी बदल गए हैं, वे कुछ अलग हटकर चाहते हैं। समय भी बदला है। आज लोग स्टारकास्ट पर कम कॉन्सेप्ट अच्छा होना जरूरी है, फिल्म कितनी अच्छी है, इस पर ध्यान देते हैं। यह बात बॉलिवुड के कलाकार किशोर भानूसाली उर्फ जूनियर देवानंद ने यहां मीडिया से खास बातचीत में कही।
मी-टू कैम्पेन पर बोले
मी-टू पर क्या कहें, कुछ समझ नहीं आ रहा है। तनुश्री ने शुरुआत की। अब तो हर दो घंटे में नया मी-टू आ रहा है। हमारे कई ऐसे मित्र हैं जिनको उनके किरदार के जैसे ही इमेज में ढाला जाता है, जिसमें शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर, रंजीत हैं, उनके लिए कोई मी-टू कभी नहीं हुआ। जहां तक हमारे अनुभव का सवाल है। हम जैसे कलाकारों को सुबह से देर रात तक स्ट्रगल करना है, मी-टू जैसी बातों के लिए समय ही नहीं मिलता। पिछले 13 वर्षों से मैंने अपने परिवार को ही बाहर घुमाने नहीं ले गया, अब तो घर से भी चेतावनी मिलने वाली है।
कॉमेडी मुश्किल काम
जो लोग यह समझते हैं कि एक्टिंग आसान है, बॉलिवुड में जाकर ही सीख लेंगे, उनसे कहना चाहता हूं कि भाई ये बहुत ट$फ काम है, इसे आसान समझकर आने की भूल नहीं करना। यदि आपमें टेलेंट है तो मुंबई आईए, ऑडिशन दीजिए और सफल हुए तो काम भी खूब मिलेगा। एक्टिंग कोई सिखाता नहीं है, कोई कहे कि पैसे दीजिए हम एक्टिंग सिखाएंगे तो वह आपको बेवकूफ बना रहा है। एक्टिंग कठिन है, कैरेक्टर को घोलकर पीना पड़ता है।
देवानंद की एक्टिंग के कारण काम नहीं मिला
मूलत: उत्तरप्रदेश के रहने वाले किशोर भानूशाली उर्फ जूनियर देवानंद ने 25 वर्ष फिल्मों में काम करने के लिए संघर्ष किया। उनका कहना है कि जब वे किशोर अवस्था में थे, बॉलिवुड में काम करने पहुंचे गए थे। शुरुआत में उनको लगा कि उस दौर के बेहतरीन अदाकार देव आनंद की नकल करके वे अपनी जगह बना लेंगे, लेकिन उनकी यह सोच बिलकुल उल्टी पड़ गई। देव आनंद की नकल के कारण हर फिल्मकार ने उनको रिजेक्ट कर दिया। एक बार वे देव साहब से मिलने सुबह 6 बजे सायकिल से उनके घर पहुंच गए और फिल्मों में काम करने की अपनी मंशा बतायी। देव साहब ने कहा, सड़क पर बात नहीं होती, आफिस आओ। बाद में दो बार और मुलाकात हुई, लेकिन काम नहीं मिला। बमुश्किल काम मिला तो आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आप उंगली नहीं दोगे तो कोई हाथ नहीं पकड़ सकता
जयश्री टीआज बॉलिवुड की एक्ट्रेस जयश्री टी भी इटारसी में थीं। वे यहां सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश करिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम नवरत्न सम्मान समारोह में शामिल होने आयी थीं। इस दौरान उनसे हुई चर्चा में जब इन दिनों देश में चल रहे मी-टू कैम्पेन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि बॉलिवुड बहुत अच्छी जगह है। मेरे साथ कभी ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ। दरअसल, यह जीवन का सच है कि यदि आप किसी को उंगली नहीं दोगे तो उसकी हिम्मत नहीं कि वह आपका हाथ भी पकड़ ले। आपमे हिम्मत होना चाहिए। इन दिनों चल रहे मी-टू पर कहा, यह हर जगह है। फिल्मों में ही नहीं राजनीति व अन्य क्षेत्रों में भी। लेकिन, मेरा ख्याल है, ऐसा होना बुरी बात है, और यदि यह सिर्फ आरोप हैं तो और भी बुरी बात है। फिल्मी दुनिया तो इतनी अच्छी है कि मैं बार-बार यहीं जन्म लेना चाहूंगी। आपके पास कला है तो आप किसी के मोहताज नहीं हैं। अपने जमाने की मशहूर डांसर, एक्ट्रेस और शिर्डी के साईंबाबा की परम भक्त जयश्री टी ने अपने कॅरियर में सात सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 18 भाषाओं की फिल्में की हैं। वे कहती हैं कि उनकी सफलता में शिर्डी के साईंबाबा का आशीर्वाद है। आज उनका बेटा भी निर्देशन के क्षेत्र में है, पति भी बॉलिवुड में निर्देशक हैं।