ईस्टर पर चर्च में हुई आराधना, भोर की प्रार्थना

इटारसी। रविवार को मसीह समाज ने ईसा मसीह के पुन: जी उठाने का त्योहार ईस्टर के रूप में मनाया। ईस्टर के मौके पर विभिन्न गिरिजाघरों में आराधना हुई। मसीह समाज ने सुबह 5 बजे भोर की आराधना की। इस मौके पर पूरा समाज उपस्थित रहा। ईस्टर का पर्व मसीह समाज ईसा मसीह के पुनर्जन्म को याद करके मनाया जाता। बाइबिल के अनुसार ईस्टर के दिन ईसा मसीह जीवित होकर स्वर्ग में परमेश्वर के द्वारा उठा लिए गए थे।
पुनरुथान दिवस के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार ईस्टर पर गिरिजाघरों में आराधना हुई तो सुबह भोर की आराधना में समाज के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर यीशु की याद में धार्मिक गीत गाए गए। मसीह समाज ईसा मसीह के पुनर्जीवन को मानता है। भोर की प्रार्थना के बाद पॉस्टर विलियम मसीह ने बाइबिल से ईसा मसीह जीवित होने के संदेश को बताया। सेमसन सेमुअल ने ईस्टर का विशेष संदेश दिया और मनुष्य जाति के लिए ईश्वर की योजना के बारे में बताया।
ईस्टर के मौके पर समाज के धर्मगुरुओं ने चर्च में आराधना कराई। बच्चों ने विशेष गीत गाये तथा नृत्य प्रस्तुत किये। होशंगाबाद के ईसीआई चर्च रसूलिया में पॉस्टर शरद बागरे मंडला बाइबिल के वचनों से प्रभु का संदेश दिया। पेंटिकोस्टल चर्च में मंडला के पॉस्टर जेम्स चेरियन तथा जुमेराती फ्रेंड्स चर्च में सालोमन सेमुअल, सेमसन तथा नलिनी टाइटस ने बाइबिल के वचनों का अध्ययन कराया। इस मौके समाज के परेश मसीह, आईविन टाइटस, जोसफ लाल, अजय जोसफ, रोहित सिंग, प्रवीण सिंग, जी.जी. जोसफ सहित सभी चर्चों के लोगों ने ईस्टर की बधाई दी। बाइबिल के अनुसार गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाया गया था और ईस्टर के दिन स्वर्ग में उठा लिया गया। ईस्टर पर्व के अवसर पर इटारसी के गिरिजाघरों में भी सुबह से कार्यक्रम हुए जिसमें मसीह समाज के लोगों ने पहुंचकर आराधना में भाग लिया। इस दौरान ईसा मसीह के बताए मार्ग पर चलने के संदेश भी दिए गए।

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