उड़ती मुद्रिका और लंका दहन रहा आकर्षण का केन्द्र

Post by: Manju Thakur

इटारसी। नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में पंडित प्रभातकुमार शर्मा द्वारा संस्थापित और पं.श्याम सुंदर शर्मा द्वारा निर्देशित श्री बालकृष्ण लीला संस्थान के कलाकार रामलीला का आकर्षक मंचन कर रहे हैं। इस बार भी लोग गांधी मैदान के आसमान में हनुमान को उड़ते हुए सोमवार को देखेंगे। वृंदावन से आयी श्रीबाल कृष्ण लीला संस्थान के कलाकारों ने अपनी कला का एक और अनूठा अंदाज पेश किया है। जिन लोगों ने पहले यहां हुए रामलीला मंचन में हनुमान को उड़ते हुए नहीं देखा होगा, उनके लिए सोमवार को मौका है। हनुमान जी लक्ष्मण को शक्ति लगने के बाद उड़ते हुए संजीवनी बूटी लेकर आएंगे। रविवार को सीताहरण, लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध और लक्ष्मण शक्ति के साथ ही लंका दहन का भी मंचन किया गया।
उड़ती मुद्रिका का आकर्षण
लीला में लंका दहन का मंचन किया गया। इन सबके बीच जो आज सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र रहा वह रहा रामदूत हनुमान द्वारा माता सीता को तलाशते हुए लंका पहुंचना और पहचान के तौर पर उनके पास फेंकी जाने वाली भगवान की मुद्रिका। यह अंगूठी जो हनुमान ने माता सीता के पास फेंकी वह घूमती हुई मंच पर आयी तो लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। सबकी निगाहें ऊपर की ओर थी, हनुमान द्वारा माता के पास भेजी गई वह अंगूठी हवा में तैरती हुई माता-सीता तक पहुंची। इस दौरान हनुमान का रावण की सेना द्वारा पकड़ा जाना और फिर लंका दहन भी आकर्षण का केन्द्र रहा।

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