सिविल अस्पताल में लापरवाही का आलम
इटारसी। सरकारी अस्पताल में इस कदर बेपरवाही का आलम है कि कोई यहां एक माह का बच्चा छोड़ गया और किसी को पता भी नहीं चला। आश्चर्य की बात यह है कि यहां गेट पर बाकायदा सुरक्षा गार्ड, स्टाफ रूम में नर्सेस भी थीं। बावजूद इसके किसी को पता नहीं चला कि अबोध को कौन छोड़ गया। अस्पताल के इस बच्चा वार्ड में सीसीटीवी कैमरा नहीं था और गेट की निगरानी में जो कैमरा लगा था, उसके बायर भी टूटे हुए थे। प्रबंधन का कहना है कि कैमरे खराब हैं। बच्चे को गहन चिकित्सा इकाई में रखकर उपचार दिया जा रहा है, फिलहाल उसकी हालत स्थित है।
आश्चर्य है, और प्रबंधन का जवाब और भी हैरत में डालने वाला है कि कोई बच्चा रख गया है, हमें पता नहीं है। पुलिस को सूचना दे दी है। छह कैमरे खराब हैं, जिनको रोगी कल्याण समिति की बैठक में मंजूरी लेकर सुधरवाया जाएगा। घटनाक्रम कुछ ऐसा घटा कि सरकारी अस्पताल में कोई आया और पुराने भवन के प्रथम तल पर हाल ही में बनाए गए बच्चा वार्ड में खाली पलंग पर बाकायदा एक बच्चे को छोड़कर चला गया। आश्चर्य की बात यह है कि ऊपर न तो कोई नर्स थी, ना ही यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिससे पता चल सके कि कौन आया था। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड कहां था, इस पर भी सवाल हैं। कुल जमा बात यह है कि सुरक्षा के मामले में अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। अधीक्षक कहते हैं अस्पताल के उस वार्ड में कैमरा नहीं है और बाहर जो कैमरा है, वह खराब है।
सवाल यह है कि एक माह के बच्चे को कोई तो लाया होगा, और मेन गेट से ही प्रवेश किया होगा। गेट पर गार्ड की ड्यूटी रहती है, वह उस वक्त कहां था? अधीक्षक ने कहा कि ऊपर नर्सों की ड्यूटी रहती है, क्या उस दौरान नर्सें नहीं थीं ? मुख्य इमारत में ऊपरी तल पर रात करीब 10:30 बजे बच्चे की रोने की आवाज सुनकर नर्स ने जाकर देखा तो एक पलंग पर चादर में, स्वेटर पहले और शॉल ओढ़े एक बच्चा जोर-जोर से रो रहा था। नर्सों ने उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकचरण दुबे को जानकारी दी। उन्होंने जाकर उसकी जांच की। कुछ देर इंतजार किया कि जिसका बच्चा होगा, वह आएगा। कोई नहीं आया तो उसे गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर पुलिस को खबर की गई।
इनका कहना है…!
मैं ड्यूटी पर था, सिस्टर ने आकर बच्चे की सूचना दी। हमने जांच के बाद कुछ देर इंतजार किया और फिर पुलिस को खबर करने के बाद उसे भर्ती कर लिया। बच्चे की हालत स्थिर है।
डॉ.वीसी दुबे, चाइल्ड स्पेशलिस्ट
करीब एक माह का बच्चा है, जिसे कोई छोड़ गया है। जहां तक कैमरों की बात है तो छह कैमरे खराब हैं। रोकस की बैठक में मंजूरी लेकर उनको सुधरवाया जाएगा, या नए कैमरे लिए जाएंगे।
डॉ.एके शिवानी, अधीक्षक
अस्पताल में बच्चा छोड़कर जाने का मामला आया है। बच्चे की मेडिकल जांच कराने के बाद उसे वहीं भर्ती कराया गया है। मामला जांच में लिया है। जांच के बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी।
आरएस चौहान, टीआई