एक ही परिवार की दो महिलाओं की ट्रेन से टकराकर मौत
केसला और कालाआखर के बीच दर्दनाक हादसा
इटारसी। नागपुर रेलवे लाइन पर केसला और कालाआखर रेलवे स्टेशन के बीच एक ही परिवार की दो महिलाओं की ट्रेन से टकराकर दर्दनाक मौत हो गयी। महिलाएं ग्राम कासदाखुर्द निवासी हैं और आपस में देवरानी-जेठानी थीं। ये दोनों खेतिहर मजदूर थीं और सुबह मजदूरी के लिए घर से निकली थीं।
केसला पुलिस ने सूचना के बाद मर्ग कायम कर इटारसी सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराके शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले में जांच कर ही है कि कैसे यह हादसा हुआ है।
कासदाखुर्द में आज गमगीन माहौल है। एक ही परिवार की दो महिलाओं सरस्वती बाई पति पतिराम बारस्कर 40 और कृष्णाबाई पति मूलचंद बारस्कर 45 की ट्रेन से टकराकर मौत हो गई है। घटना सुबह करीब 8 बजे की बतायी जा रही है। ड्यूटी के दौरान वहां से गुजर रहे यूनिट नंबर पांच के ट्रैकमेन प्रशांत पिता अजय बौरासी 22 वर्ष निवासी कालाआखर ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। अत्यंत गरीब परिवार की इन महिलाओं ने अपने परिवार के लिए काफी बड़े ख्वाब देखे थे और उनको पूरा करने के लिए ही ये मजदूरी के लिए घर से निकली थीं।
पांच-पांच बच्चों की जिम्मेदारी
सरस्वती और कृष्णाबाई के सिर पर पांच-पांच बच्चों की जिम्मेदारी थी। हालांकि उनके पति भी मजदूरी करके उनका हाथ बंटाते थे, लेकिन महिलाओं को अपने बच्चों को अच्छी जिंदगी देने की चिंता थी और वे स्वयं भी मजदूरी करने घर से निकल गई थीं। सरस्वती बाई की दो बेटियां और तीन बेटे हैं जबकि कृष्णा की चार बेटी और एक बेटा है। इतने बड़े परिवार की जिम्मेदारी एक सदस्य की कमाई से पूरी नहीं होती, इसलिए घर की महिलाएं भी मजदूरी करने निकल गईं और वे खेतिहर मजदूर के तौर पर काम करके अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही थीं।
भोपाल में पढ़ रही एक की बेटी
सरस्वती बाई की बड़ी बेटी मोनिका भोपाल के एक प्रायवेट कालेज में पढ़ रही है। बेटी को अच्छी नौकरी की चाह में उसे भोपाल में एक प्रायवेट कालेज में दाखिला दिलाया और प्रायवेट कालेज की महंगी फीस के लिए पति और पत्नी दोनों मजदूरी करने लगे। सरस्वती बाई के पति पतिराम का कहा है कि हमने बैंक से लोन के लिए भी प्रयास किए, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। वे स्वयं रेलवे के एक ठेकेदार के पास मजदूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि सरस्वती को हमेशा अपने बच्चों को अच्छी तालीम की चिंता रहती थी, परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है।