एमजीएम में जांच रहे मिट्टी की सेहत

एमजीएम में जांच रहे मिट्टी की सेहत

वनस्पतिशास्त्र विभाग के मृदा नमूनों का सफल परीक्षण
इटारसी। शासकीय एमजीएम कालेज के वनस्पतिशास्त्र विभाग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहुउद्देश्यीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनांतर्गत भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय मृदा संस्थान भोपाल एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् दिल्ली द्वारा मिट्टी परीक्षण प्रयोगशला स्थापित की है। इसमें अक्टूबर 2015 से निरंतर मृदा परीक्षण जारी है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वस्थ धरा खेत हरा रखा है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से मृदा परीक्षण के 12 पैरामीटर (मानक) क्रमश: पीएच, ईसी, जैविक कार्बन, उपलब्ध नाइट्रोजन, उपलब्ध फास्फोरस, उपलब्ध पोटेशियम, उपलब्ध सल्फर, उपलब्ध जिंक, उपलब्ध बोरॉन, उपलब्ध आयरन, उपलब्ध मैगनीज, उपलब्ध कॉपर के मानक स्तर का आकलन कर प्राथमिक एवं द्वितीयक सूक्ष्म पोषक तत्वों के परीक्षण परिणाम जारी किए जा रहे हैं। इन्हीं परिणामों के आधार पर किसानों को मृदा अनुप्रयोग सिफारिशें प्रदान की जा रही है।
इस हेतु विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश मेहता ोडल अधिकारी तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. देवेन्द्र सिंह पटेल को सहायक नोडल अधिकारी है। वहीं लैब तकनीशियन रामकिशोर सराठे हैं। विभाग की शिक्षिका डॉ. पूर्णिमा अतुलकर, अंकिता पाण्डेय, रीना उइके, प्रियंका तिवारी ने सहयोग किया है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. पीके पगारे ने विभाग की भूरी-भूरी सराहना की। विभाग द्वारा मृदा नमूनों का परीक्षण आगे भी जारी रहेगा। अब तक 200 से अधिक मृदा नमूनों का परीक्षण किया है। जिनका विश्लेषण करने पर यह पाया है कि अधिकांश मृदा नमूनों में सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे सल्फर, जिंक, बोरोन आदि की कमी है, जिनकी सिफारिशें किसानों को जारी की जा रही है। यहां का रोचक तथ्य यह रहा कि मृदा परीक्षण में प्रयुक्त होने वाला दोहरा आसुत जल प्रयोगशाला में ही तैयार किया है।

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