एम्पलाइज यूनियन ने एईएन आफिस में दिया धरना
इटारसी। पश्चिम मध्य रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने बुधवार को रेल प्रशासन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ एईएन ऑफिस 12 बंगला में धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन के पदाधिकारियों ने रेलवे की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। यूनियन ने रेलवे में निजी करण एवं निगमीकरण के खिलाफ यह धरना प्रदर्शन किया था।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन द्वारा रेलकर्मियों के खिलाफ रेलवे की नीतियों के विरोध में एईएन आफिस के समक्ष धरना प्रदर्शन में यूनियन के नेता रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर गरजे। यूनियन नेताओं ने ठेकेदारी प्रथा पर सवाल उठाते हुए इसे रोकने तथा आगामी दिनों में इसके गंभीर दुष्परिणाम होने की बात रखी। इस दौरान प्रमोशन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसमें सभी पक्षों से बातचीत कर सुधार करने की बात भी की। इसके अलावा स्थानीय समस्याओं को भी उठाया गया। रेल आवासों की जर्जर हालत पर चिंता जताते हुए उनकी मरम्मत कराने की मांग जोरशोर से उठायी गई। इस धरने में यूनियन की चारों ब्रांच के पदाधिकारी, यूथ विंग व महिला विंग एवं समस्त सदस्य उपस्थित थे। कामरेड केके शुक्ला ने बताया कि यूनियन की सभी शाखाओं में एक साथ 26 अगस्त से 6 सितंबर तक रेल बचाओ, देश बचाओ अभियान चल रहा हे। सरकार से हमारी जो मांगें हैं, यदि नहीं मानी गईं तो इससे भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। इस अवसर पर 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन डीआरएम भोपाल के नाम एईएन इटारसी को दिया गया।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से भोपाल मंडल से आए मंडल उपाध्यक्ष एमएस फारूकी, डीएन मिश्रा, इटारसी के शीर्ष नेतृत्व केके शुक्ला, जावेद खान, प्रवक्ता प्रीतम तिवारी, मनोज जोसेफ, एमके अग्रवाल, सुधीर कुमार गौर, प्रदीप मालवीय, मनोज रैकवार, आरके राजोरिया, सुरेश धूरिया, तरुण शुक्ला, भरत सिंह राजपूत, संदीप रामकूचे, दामोदर देवेंद्र खाड़े, उमेश निगम, संतोष चौरे, अशोक शर्मा, संदीप वर्मा, भारत और अनेक युवा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मंच संचालन राजू यादव ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से रेलवे में प्राइवेट कंपनियों का प्रवेश करना, एनपीएस और छोटे-छोटे सेक्टरों में बाहरी व्यक्तियों को काम पर लगाना जैसे मुद्दों पर वक्ताओं ने अपनी बात प्रशासन के सामने रखी और 24 सूत्री मांगों पर पूरे भोपाल मंडल में आक्रोश एवं आवाज उठाई गई। 6 सितंबर को भोपाल मंडल कार्यालय में भी दोपहर 1 बजे मीटिंग गेट पर रखी गई है।